लोकसभा में पेश हुआ रेट्रोस्पेक्टिव कर संसोधन बिल, वोडाफोन और केयर्न विवाद का यहीं है कारण
नईदिल्ली।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 अगस्त को लोकसभा में कराधान कानून संशोधन विधेयक पेश किया, जो लागू होने के नौ साल से अधिक समय बाद विवादास्पद पूर्वव्यापी कर को वापस लेने का प्रयास करता है। यह कदम केयर्न एनर्जी और वोडाफोन जैसी कंपनियों के लिए एक राहत के रूप में आएगा, और केंद्र के साथ उनके लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवाद को समाप्त करने की संभावना है।
वित्तमंत्री ने एक कहा की आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधन का प्रस्ताव है ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि भारतीय संपत्ति के किसी भी अप्रत्यक्ष हस्तांतरण के लिए उक्त पूर्वव्यापी संशोधन के आधार पर भविष्य में कोई कर मांग नहीं उठाई जाएगी यदि लेनदेन 28 मई से पहले किया गया था। उन्होंने कहा की यह एक साहसिक कदम है जो कई विदेशी निवेशकों की चिंताओं को दूर करता है।
सीतारमण ने कहा कि 'इस विधेयक के जरिए आयकर कानून, 1961 में बदलाव करने का प्रस्ताव रखा जा रहा है। इसके मुताबिक, सरकार 28 मई 2012 से पहले हुए सौदों में भारतीय संपत्ति के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर रेट्रोस्पेक्टिव तरीके से टैक्स नहीं मांगेगी।उन्होंने कहा की 28 मई 2012 से पहले भारतीय संपत्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर हुई टैक्स की मांग रद्द किए जाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, लेकिन इसकी कुछ शर्तें होंगी। जिसके तहत संबंधित पक्षों को लंबित मुकदमे वापस लेने होंगे और यह हलफनामा देना होगा कि वे किसी तरह का क्षतिपूर्ति या ब्याज का दावा नहीं करेंगे। इसके अलावा ऐसे मामलों में जो रकम वसूल की गई थी वह अब बिना ब्याज लौटाई जाएगी।