आईएमएफ ने लगाया अनुमान, 2022 में अमेरिका-यूके से ज्यादा रहेगी भारत की विकास दर
नईदिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के 8.2 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया है। हालांकि यह पहले के लगाए 9 फीसदी विकास दर के अनुमान से कम है। आईएमएफ की तरफ से विकास दर का यह अनुमान अमेरिका और चीन के विकास दर से अधिक है। आईएमएफ के अनुसार कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध का असर अमेरिका की आर्थिक वृद्धि पर नकारात्मक असर डाल सकता है। वैश्विक संस्था के नए आकलन में भारत की वृद्धि दर की रफ्तार घटने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था चीन के मुकाबले लगभग दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगी।
अमेरिका की विकास दर 3.7 फीसदी
आईएमएफ के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में अमेरिका की विकास दर 3.7 फीसदी तक रहने का अनुमान है। वहीं, चीन के बारे में संस्था का अनुमान है कि इन दोनों कारणों की वजह से चीन की विकास दर 4.4 फीसदी तक हो सकती है। आईएमएफ ने यूरोजोन के लिए विकास दर 2.8 से 3.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
चीन में कोरोना का असर -
चीन आर्थिक राजधानी शंघाई में कोविड मामले बढ़ने से फिलहाल शहर लाकडाउन की चपेट में है और यहां के स्थानीय लोग प्रतिबंधों से ऊबने के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं अमेरिका में कोविड से सर्वाधिक मौत का सामना करना पड़ा है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को अपनी नौकरी भी गंवानी पड़ी है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के 8.2 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया है। हालांकि यह पहले के लगाए 9 फीसदी विकास दर के अनुमान से कम है। आईएमएफ की तरफ से विकास दर का यह अनुमान अमेरिका और चीन के विकास दर से अधिक है। आईएमएफ के अनुसार कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध का असर अमेरिका की आर्थिक वृद्धि पर नकारात्मक असर डाल सकता है। वैश्विक संस्था के नए आकलन में भारत की वृद्धि दर की रफ्तार घटने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था चीन के मुकाबले लगभग दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगी।
आईएमएफ के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में अमेरिका की विकास दर 3.7 फीसदी तक रहने का अनुमान है। वहीं, चीन के बारे में संस्था का अनुमान है कि इन दोनों कारणों की वजह से चीन की विकास दर 4.4 फीसदी तक हो सकती है। आईएमएफ ने यूरोजोन के लिए विकास दर 2.8 से 3.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
शंघाई में लॉकडाउन -
चीन आर्थिक राजधानी शंघाई में कोविड मामले बढ़ने से फिलहाल शहर लाकडाउन की चपेट में है और यहां के स्थानीय लोग प्रतिबंधों से ऊबने के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं अमेरिका में कोविड से सर्वाधिक मौत का सामना करना पड़ा है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को अपनी नौकरी भी गंवानी पड़ी है।