नई दिल्ली। लॉकडाउन की स्थिति में मानव संसाधन विकास मंत्रालय लगातार ऑनलाइन शिक्षा को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है। ऑनलाइन स्टडी में एक और कड़ी जोड़ते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने विभिन्न ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म पर गुणवत्तापूर्ण डिजिटल पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए विद्यादान-2 की शुरुआत की। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण देश भर में हर जरुरी गतिविधि पर लगे अप्रत्याशित और विराम के बीच ऑनलाइन शिक्षा को लेकर यह एक बड़ी पहल है।"
जानें इसकी 5 खास बातें
- निशंक ने कहा, "विद्यादान एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसके तहत विभिन्न शिक्षाविदों और संगठनों को पाठ्यक्रम के अनुसार ई-लर्निंग सामग्री विकसित करने और इसमें योगदान देने के लिए जोड़ा जायेगा। जो भी ई-लर्निंग सामग्री विकसित करने में अपना योगदान देना चाहते हैं वो व्याख्यात्मक वीडियो, एनिमेशन, पथ योजनाओं, मूल्यांकन और प्रश्न बैंक के रूप में अपना योगदान दर्ज करवा सकते हैं।'
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत समस्त सामग्री की समीक्षा विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी और उसके बाद उसको दीक्षा एप पर उपयोग के लिए जारी किया जायेगा। जिससे देश भर के लाखों करोड़ों छात्रों को कहीं भी और कभी भी पढाई करने की सुविधा उपलब्ध होगी।
- राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने अपने हिसाब से विद्यादान कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं, इसमें व्यक्तियों, संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, एडटेक संगठनों, शिक्षकों आदि को इससे जोड़ कर इसमें पाठ्य सामग्री क्षेत्रीय भाषा और अपने-अपने क्षेत्रों के सन्दर्भ में भी उपलब्ध करवा सकते हैं।
- पाठ्य सामग्री योगदान उपकरण के माध्यम से विद्यादान पर उपलब्ध एक मानकीकृत टेम्पलेट एक समान संरचना बनाने में भी मदद करेगा।
- इस पर उपलब्ध पाठ्य सामग्री सभी शिक्षा विभागों जैसे कि सरकारी विभाग, राज्य एवं केंद्रीय शिक्षा बोर्ड, सरकारी एवं निजी विद्यालय आदि के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। बहुत जल्द इसका लाभ उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को भी पहुंचाया जायेगा।