मुंबई। कोरोना काल में 'अयोध्या की रामलीला' उर्दू और भोजपुरी समेत 14 भाषाओं में डिजिटल रूप में उपलब्ध होगी। इस बार भाजपा सांसद मनोज तिवारी और रवि किशन के अलावा कई अभिनेता भी इसमें हिस्सा लेंगे। रामलीला का मंचन अयोध्या में सरयू नदी के किनारे स्थित लक्ष्मण किला में होगा, जो निर्माणाधीन राम मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
आयोजन समिति के मुख्य मीडिया सलाहकार नीलकांत बख्शी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 17 से 25 अक्टूबर के बीच सीमित दर्शकों की मौजूदगी में इसका मंचन होगा, लेकिन केबल टीवी, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर इसे प्रसारित किया जाएगा। रामलीला के आयोजकों ने कहा कि मनोज तिवारी और रवि किशन के अलावा कई बॉलीवुड और टीवी कलाकार भी इस रामलीला का हिस्सा होंगे।
अभिनेता बिंदु दारा सिंह हनुमान की भूमिका में होंगे, रितु शिवपुरी कैकेयी की भूमिका निभाएंगी, असरानी नारद के तौर पर नजर आएंगे और शहबाज खान रावण के किरदार में दिखेंगे। उन्होंने कहा कि राकेश बेदी विभीषण, राकेश पुरी निषादराज, रजा मुराद अहिरावण और अवतार गिल जनक की भूमिका में होंगे। गोरखपुर से सांसद रवि किशन भरत के किरदार में नजर आएंगे। वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद तिवारी रामलीला में अंगद की भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर लोगों में भारी खुशी है और यह भगवान राम की जन्मस्थली पर भव्य रामलीला के आयोजन की प्रेरणा है। मनोज तिवारी ने कहा कि अयोध्या की रामलीला की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह भोजपुरी, उर्दू, तमिल, तेलगु, बंगला और अंग्रेजी समेत 14 भाषाओं में डिजिटल रूप में उपलब्ध होगी।
बख्शी ने कहा कि देशभर में व्यापक रूप से जनता तक पहुंचने के लिए 14 भाषाओं में लिखित भाषांतर का इस्तेमाल किया जाएगा। इस रामलीला का मंचन संयुक्त रूप से दो संगठनों, "मेरी मां फाउंडेशन" और "राम की रामलीला" द्वारा किया जा रहा है। पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा समिति के मुख्य संरक्षक हैं।