मुंबई। बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद पिछले कुछ महीनों से लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए हर तरफ उनकी प्रशंसा हो रही है। वह बस, फ्लाइट और ट्रेन के जरिए मजदूरों को अलग-अलग राज्यों में उनके घर छोड़ने का काम कर रहे हैं। अब सोनू ने कोरोना वायरस महामारी में प्रवासी मजदूरों की मदद करने के अपने अनुभव पर किताब लिखने का फैसला किया है।
सोनू सूद ने कहा ,''मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि उसने मुझे इन लोगों की मदद करने का जरिया बनाया। मेरा दिल यूं तो मुंबई के लिए धड़कता है लेकिन इस मूवमेंट के बाद मुझे ऐसा लगता है कि मेरी जिंदगी का कुछ हिस्सा यूपी, बिहार, झारखंड, असम, उत्तराखंड और ऐसे ही कई राज्यों में भी बस गया है जहां मैंने नए दोस्त बनाए हैं। मैं वादा करता हूं कि मैं तब तक काम करता रहूंगा, जब तक आखिरी माइग्रेंट्स अपने घर और प्रियजनों के पास नहीं पहुंच जाता।''
एक्टर ने आगे कहा, ''मैंने अपने अनुभवों और कहानियों को एक किताब की शक्ल देने का फैसला किया है। ये अनुभव मेरी आत्मा में रच-बस से गए हैं। मैं काफी उत्साहित हूं और नर्वस भी हूं और इस किताब के सहारे आप सभी लोगों के साथ कनेक्ट करना चाहता हूं। मैं उम्मीद करूंगा कि मुझे इस किताब के सहारे आप लोगों का सपोर्ट मिलेगा।''
हाल ही में सोनू सूद ने उन 400 प्रवासी मजदूरों और कामगारों के परिवार मदद करने का जिम्मा लिया है जो अपने प्रियजनों को खो चुके हैं या फिर घर वापस आने के दौरान यात्रा में घायल हुए थे। इसके साथ ही साथ परिवार की आर्थिक मदद सहित उन्होंने बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी उठाने की बात की है।