
दूसरे दिन भी जारी रही मंडी में हड़ताल
गुना। मॉडल एक्ट के विरोध में शुक्रवार को दूसरे दिन भी जिले भर की मंडियों में हड़ताल रही। हालांकि इस हड़ताल से ज्यादा परेशानी इसलिए नहीं हुई। कारण हड़ताल पहले से ही घोषित थी। इसलिए किसान अपनी उपज लेकर मंडी में नहीं पहुंचे थे। इसके चलते जिले की अन्य मंडियों सहित शहर की नानाखेड़ी कृषि मंडी में भी सूनापन पसरा रहा। इस दौरान मंडी में मुख्य गेट पर मंडी स्टाफ के साथ हम्माल व तुलावटियों ने धरना देकर प्रदर्शन किया। यह धरना उन्होने मंडी में चल रही हड़ताल को लेकर दिया। उनका कहना रहा कि मांगें, समस्या अपनी जगह है, किन्तू मंडी बंद नहीं होना चाहिए।
बंद हो सकती है मंडी
हड़ताल को लेकर अधिकारी-कर्मचारियों ने बताया कि मॅाडल एक्ट सिर्फ उन्ही के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए नुकसान दायक है। इसका सबसे पहला प्रभाव मंडी संचालन पर पड़ेगा। मंडी के बाहर फसल बिकने से मंडी बंद हो जाएगी। जिससे मंडी से जुड़े सभी लोगों पर आर्थिक संकट छा जाएगा। हम्माल-तुलावटी तो बेरोजगार होंगे ही, वहीं किसानों को भी उपज का उचित दाम नहीं मिल पाएगा।
हम रोज कमाने, खाने वाले लोग है
मंडी में चल रही हड़ताल से हम्माल और तुलावटी नाराज है। उन्होने मंडी गेट पर धरना देकर प्रदर्शन भी किया। उनका कहना रहा कि वह रोज कमाने और खाने वाले लोग है। हड़ताल उनके लिए जीवन-मरण का प्रश्न बन जाती है। उनके पास इतनी जमा-पूंजी नहीं रहती है कि वह हड़ताल के दौरान मंडी बंद रहने से पेट भर पाए। उनका कहना रहा कि मंडी बंद रहने से व्यापारी व किसानों को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है, किन्तु उनके भूखों मरने की नौबत आ जाती है। इस बार भी यहीं हो रहा है।