हनुमान चौराहे पर लाश के साथ एक घंटे तक चला चक्काजाम, विलाप के साथ होती रही नारेबाजी

Update: 2020-09-19 15:21 GMT

हनुमान चौराहे पर लाश के साथ एक घंटे तक चला चक्काजाम, विलाप के साथ होती रही नारेबाजी

गुना। भारी हुजूम के साथ पुलिस बल, वाहनों के हॉर्न का शोर और दिल हिला देेने वाला करुण क्रूदन सहित जोरदार नारेबाजी। इसके साथ ही वाहनों की चारों दिशाओं में लगी लंबी कतारें। यह दृश्य था शनिवार को शहर के व्यस्ततम स्थल हनुमान चौराहे का। मामला जिले के बजरंगगढ़ थानातंर्गत एक महिला के साथ सामूहिक ज्यादती कर उसकी सिर काटकर हत्या कर देने से जुड़ा था। बीते रोज बरखेड़ागिर्द में सामने आई इस वारदात के बाद शनिवार को परिजनों और समाज के लोगों का आक्रोष चरम पर देखने को मिला। इस दौरान जिला अस्पताल में शव के पोस्टमार्टम के बाद परिजन और लोग उसे ट्रेक्टर-ट्रॉली में रखकर हनुमान चौराहे लाए और जाम लगा दिया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए लोग एसपी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। बाद में एएसी टीएस बघेल ने एक परिजन की मोबाइल पर एसपी से बात कराई। जिस पर उन्होने मांगों को लेकर उचित आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर आक्रोषित लोग शांत हुए और जाम खोल दिया।

महिला की मिली थी सिर कटी लाश

उल्लेखनीय है कि बरखेड़ागिर्द निवासी 30 वर्षीय गुड्डोबाई पत्नी जगराम धाकड़ की सिर कटी लाश बीती देर शाम पेट्रोल पंप के पीछे स्थित खेतों में मिली थी। महिला के धड़ से सिर गायब था, जो शव से करीब 30 फीट दूर पड़ा हुआ था। बताया जाता है कि महिला पश्ुाओं के लिए चारे का इंतजाम करने गए थी। इसके बाद जब काफी देर तक वह वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश की। जिस पर उसकी लाश मिली। इसके बाद पुलिस को खबर की गई। जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरु की। जांच के दौरान सामन आया कि महिला के साथ सामूहिक ज्यादती कर उसकी सिर काटकर हत्या की गई है। घटना को लेकर तत्समय ही परिजनों एवं धाकड़ समाज के लोगों का आक्रोष सामने आ रहा था। जो शनिवार सुबह फूट पड़ा हालांकि इससे पहले ही सुबह पुलिस ने इस मामले में दो सगे भाईयों के खिलाफ सामूहिक ज्यादती कर हत्या करने का प्रकरण दर्ज कर लिया था। प्रकरण राजकुमार एवं देवेन्द्र धाकड़ पुत्र रघुवीर धाकड़ के खिलाफ धारा 302, 376 पर दर्ज किया गया है। इनमें से एक आरोपी की पत्नी सरपंच है।

पहले निकाली रैली, फिर लगाया जाम

शनिवार सुबह जिला अस्पताल में महिला का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौप दिया गया। परिजन शव को ट्रेक्टर-टॅ्राली में रखकर चल दिए। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद रहे। जो रैली की शक्ल में चल रहे थे। इस मौके पर पुलिस के वाहन भी ट्रेक्टर-ट्रॉली के पीछे चल रहे थे। इस दौरान पुलिस, प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की जा रही थी। रैली के दौरान बीच-बीच में रुककर लोगों ने प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारी जब हनुमान चौराहे पहुँचे तो उन्होने ट्रेक्टर-ट्रॉली से शव उतारकर सडक़ पर रख दिया। इसके साथ ही मौजूद महिलाओं का करुण विलाप शुरु हो गया और नारेबाजी भी तेज हो गई।

कई बार बिगड़ते-बिगड़़ते बची स्थिति

प्रदर्शनकारियों ने चौराहे पर जाम लगाने के लिए जहां ट्रेक्टर-ट्रॉली फंसा दी तो महिलाएं सडक़ पर बैठ गईं। इसके साथ ही लोगों ने हाथ पकडक़र चेन भी बना ली। इसके बाद भी वाहन चालक रास्ता बनाकर निकलने लगे तो प्रदर्शनकारी उनसे उलझ पड़े। जब मौके पर मौजूद पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो प्रदर्शनकारियों की उनसे तीखी झड़प हो गई। करीब एक घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान यह स्थिति कई बार बनी और हालत बिगड़ते-बिगड़ते रह गए। दूसरी ओर जाम के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जहां चारों दिशाओं में वाहनों की लंबी कतार लग गई तो गली-मोहल्लों में भी यातायात का दबाव बड़ गया।

पूर्व तैयारियां, फिर भी घंटे भर चला चक्काजाम

घटना को लेकर लोगों का गुस्सा पहले से ही दिख रहा था। पुलिस भी इसे समझ रही थी। इसी कारण जहां गांव में पुलिस बल तैनात किया गया था तो जिला अस्पताल में भी पोस्टमार्टम के दौरान पुलिस मौजूद रही। इसके साथ ही रैली के साथ पुलिस चलने के साथ हनुमान चौराहे पर भी भारी पुलिस बल तैनात रहा। इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने यहां जाम लगा दिया।साथ ही वह लगभग एक घंटे तक चौराहे पर यातायात रोककर डटे रहे। इस दौरान मौके पर सीएसपी नेहा पच्चीसिया और एएसपी टीएस बघेल को छोडक़र कोई जिम्मेदार पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुँचा। सीएसपी भी प्रदर्शनकारियों के शांत होने के बाद पहुँची। इससे पहले पूरे समय सिर्फ एएसपी अकेले ही मोर्चा संभाले रहे।

पुलिस पर लगाए मिलीभगत केआरोप

प्रदर्शन के दौरान परिजनों सहित किरार-धाकड़ समाज के लोगों ने पुलिस पर मिलीभगत के आरोप लगाए। उनका कहना रहा कि सूचना मिलने के बाद पुलिस काफी देर से मौके पर पहुँची, वहीं पुलिस ने आरोपियों के भागने में भी मदद की है। इसी के मद्देनजर प्रदर्शनकारी एसपी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। जब काफी देर तक वह रास्ता खोलने राजी नहीं हुए तो एएसपी ने परिजनों में से एक की मोबाइल पर एसपी राजेश कुमार सिंह से बात करवाई। जिस पर एसपी ने आरोपियों को 24 घंटे में गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया । तक कही जाकर परिजन माने तथा चक्काजाम खुल गया। 

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