कांग्रेस की तरफ से प्रवासी पक्षी वोट मांगने आ रहे है,सबक सिखाए : सिंधिया

Update: 2020-10-20 15:34 GMT

गुना। प्रदेश में आगामी उपचुनाव के लिए प्रचार में जुटे पूर्व केन्द्रीय एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया आज गुना पहुंचे।  यहां बमौरी विधनसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह सिसौदिया के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया। उन्होने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा की लोग राजनीति पद और सम्मान के लिए करते हैं, लेकिन उनका क्षेत्र के लोगों से पारिवारिक रिश्ता है और उनका पूरा जीवन क्षेत्र के विकास और खुशहाली के लिए है। मैंने अपने 20 साल के राजनैतिक कार्यकाल में क्षेत्र की जनता को नेशनल हाईवे पर फोरलेन की सुविधा से लेकर बमौरी के गांव-गांव में सडक़ों का जाल बिछाया है। चाहे मोबाइल टॉवर की सुविधा हो या फिर बिजली के ट्रांसफार्मर किसी भी चीज में क्षेत्र की जनता के लिए कमी नहीं छोड़ी।

अब आ रहे हैं प्रवासी पक्षी -

सिंधिया ने आगे कहा की जो कांग्रेस की तरफ से वोट मांगने आ रहे हैं, वह प्रवासी पक्षी की तरह हैं जो जिन्होंने कभी भी बमौरी के विकास के बारे में नहीं सोचा। जो मुख्यमंत्री रहते कभी बमौरी नहीं आए अब वह बमौरी जनता का वोट मांगने आ रहे हैं। जनता उनको जबाव देगी। उन्होंने कमलनाथ पर हमला करते हुए कहा कि यहां के विधायक और मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने ग्वारखेड़ा बांध की मांग की तो कह दिया कि पैसा नही है। लेकिन वहीं बांध मैंने और शिवराज सिंह चौहान ने क्षेत्र की खुशहाली के लिए खोल दिए। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने शिवराज सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लॉक कर दिया था। लेकिन उन्होंने और शिवराज ने जनता के हितों के लिए दिल की चाबी से खोल दिए। उन्होंने कहा कि बमौरी क्षेत्र मेें शुद्ध पेयजल के लिए 497 करोड़ की योजना मंजूर की गई है, जिसका पानी गोपीकृष्ण सागर बांध से गांव-गांव में जाएगा।


जनता का अपमान करने वालों को सबक सिखाएं- 

सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह चुनाव के समय पर्दे के पीछे हो जाते हैं। सत्ता आने के बाद एक पर्दे के पीछे और एक सामने सरकार चलाते हैं। उन पर गरीबों के लिए पैसा नही होता, लेकिन खुद करोड़ों, अरबों रुपए कमाते हैं। जनता से वादाखिलाफी करने वालों को सिंधिया परिवार कभी नहीं छोड़ता। 50 साल पहले जनता का अपमान करने वाली सरकार को मेरी दादी ने गिराया था, और अब जनता से वादाखिलाफी करने वाले कमलनाथ सरकार को मैंने धूल चटाई हैं।



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