यात्रीगण कृपया ध्यान दें, आज से दो दिन के लिए शुरु की जाती है ग्वालियर-बीना-ग्वालियर पैसेंजर

Update: 2019-03-24 16:07 GMT

करीला मेले को देखते हुए रेलवे ने लिया निर्णय, बीना-गुना शुरु नहीं होने से श्रद्धालुओं में निराशा

गुना/निज प्रतिनिधि। यात्रीगण कृपया ध्यान दें, कल 25 मार्च से दो दिन के लिए ग्वालियर-बीना-ग्वालियर पैंसेजर फिर शुरु की गई है। इसकी निरस्ती की सूचना को रेलवे ने निरस्त कर दिया है। इस आशय का निर्णय रेलवे प्रबंधन ने पड़ोसी जिले अशोकनगर में करीला धाम पर रंगपंचमी के अवसर पर लगने वाले मेले को देखते हुए लिया है। साथ ही इसकी सूचना भी सार्वजनिक कर दी है। हालांकि दो अन्य ट्रेनों भोपाल -ग्वालियर इंटरसिटी और बीना-गुना की निरस्ती यथावत रखी गई है। इससे श्रद्धालुओं में निराशा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि ग्वायिर-बीना पैसेंजर से अधिक राहत नहीं मिलने वाली है, बीना-गुना ट्रेन का चलना ज्यादा जरुरी था। हालांकि उन्होने रेलवे के इस फैसला का भी स्वागत किया है।

मध्य स्वदेश ने प्रमुखता से उठाई थी समस्या


गौरतलब है कि गुना-बीना के मध्य ट्रेक के रखरखाव को लेकर रेलवे ने मेगा ब्लॅाक की तैयारी की थी। इसके लिए आज 24 मार्च से 29 मार्च तक के लिए तीन ट्रेनों बीना-गुना के मध्य निरस्त किया गया था। निर्णय में रेलवे ने बीना-गुना ट्रेन का बीना से गुना तक सिर्फ एक फेरा लगाने की बात कही गई थी तो भोपाल-ग्वालियर इंटरसिटी को 25-26 मार्च तक के लिए गुना-बीना के मध्य नहीं चलाने का निर्णय लिया गया था। इसके साथ ही ग्वालियर-बीना पैसेंजर भी 24 से 27 मार्च तक गुना-बीना के बीच निरस्त की गई थी। करीला मेला से पहले निरस्त की गईं ट्रेनों से होने वाली परेशानियों एवं श्रद्धालुओं के आक्रोष को प्रतिष्ठित समाचार पत्र मध्य स्वदेश ने अपने 24 मार्च के अंक में प्रमुखता से उठाया था। खबर आस्था के ट्रेक पर रेलवे का मेगा ब्लॉक, तीन ट्रेनें निरस्त, व्यवस्था बनाने में प्रशासन के छूटेंगे पसीनें शीर्षक से प्रकाशित की गई थी। इसके बाद रेलवे ने अपने निर्णय में आंशिक परिवर्तन किया है।

कई दिन से बंद चल रही है ग्वालियर-बीना पैंसेजर

ग्वालियर -बीना पैसेंजर ट्रेन पिछले कई दिनों से गुना-बीना के मध्य रद्द चल रही है। इसकी अवधि और बढ़ाए जाने से यात्रियों में निराशा थी। साथ ही करीला मेला की व्यवस्था भी इससे प्रभावित होने की आशंका थी। इसे देखते हुए रेलवे ने दो दिन 25 और 26 मार्च के लिए उक्त ट्रेन को निर्धारित समय सारिणी के अनुसार चलाए जाने का निर्णय लिया है। 27 मार्च को ट्रेन फिर गुना-बीना के बीच नहीं चलेगी।

नहीं मिलेगी अधिक राहत

रेलवे द्वारा ग्वालियर-बीना ट्रेन की निरस्ती का निर्णय वापस लेने से श्रद्धालुओं में प्रसन्नता तो है, किन्तु उनका कहना है कि इससे अधिक राहत नहीं मिलेगी। बेहतर होता कि रेलवे बीना-गुना ट्रेन को निरस्त करने का निर्णय भी वापस लेता। श्रद्धालुओं के मुताबिक ग्वालियर-बीना ट्रेन के चलते से सिर्फ एक फेरे के लाभ उन्हे मिल पाएगा, जबकि अगर बीना-गुना ट्रेन को दो दिन के लिए चलाया जाता तो इस बीच उसके कई फेरे लगते, जिससे श्रद्धालुओं को आवागमन में सहूलियत मिलती।

करीला के लिए मुड़ने लगीं राहें, श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरु

करीला धाम पर रंगपंचमी के अवसर पर लगने वाले मेले के लिए श्रद्धालुओं का पहुँचना शुरु हो गया है। मेला कल 24 फरवरी से लगेगा, इससे पहले रविवार से ही राहें करीला की ओर मुडऩा शुरु हो गईं है। माँ जानकी के दर्शन करने श्रद्धालु काफी लालायित दिख रहे है। इसके चलते रविवार को ट्रेन एवं बसों मेंं काफी भीड़ देखने को मिली, जो कल और बढ़ेगी। इसके साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने निजी वाहन एवं किराए के वाहन से भी करीला के लिए रवाना हुए है। गौरतलब है कि पड़ोसी जिले अशोकनगर के करीला में लगने वाला यह मेला विश्व प्रसिद्ध है। जिसमें देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचकर माँ जानकी के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करते है। इस मंदिर की मान्यता है कि श्रद्धालु सच्चे मन से अगर माँ जानकी से मन्नत मांगते है तो माँ जानकी उनकी प्रार्थना अवश्य सुनती हैं। इसके बाद मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु मंदिर परिसर में राई नृत्य कराते हैं। मशालों की रोशनी में ढोलक की थाप पर रात-रात भर नृत्यांगनाएं राई नृत्य करतीं हैं। यह दृश्य देखने वाला होता है। 

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