कस्तूरबा में पर्यावरण संरक्षण विषय पर हुआ व्याख्यान
गुना/निज प्रतिनिधि। शासकीय कस्तूरबा कन्या महाविद्यालय में भी ईको क्लब अन्तर्गत पर्यावरण संरक्षण विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्राचार्य डॉ विनीता विजयवर्गीय ने बताया कि आधुनिकता की दौड़ में मानव में पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुँचाया है। प्राचीनकाल में रीति-रिवाजों के द्वारा मानवीय आवश्यकताओं और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक असंतुलन बना रहता था, किन्तु समय परिवर्तन के साथ प्राकृति परितंत्रों का संतुलन बिगड़ गया है। ईको क्लब के अंतर्गत विद्यार्थियों को पर्यावरणीय गतिविधियों से जोडक़र प्रचार-प्रसार के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा। प्राचार्य ने बताया कि महाविद्यालय में रासेयो के अंतर्गत पौधारोपण किया जाता है। छात्राओं ने पौधे गोद लेकर प्रतिदिन उनमें पानी देकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान दिया है।
पर्यावरण संबंधी स्लोगन लिखवाए
राष्ट्रीय हरित कोर योजना के अंतर्गत दीवारों पर भी पर्यावरण संबंधी स्लोगन लिखवाए गए हैं। ईको क्लब प्रभारी डॉ विनीता जैन ने बताया कि वनो की अंधाधुंध कटाई, बढ़ते औद्योगीकरण, जैविक संसाधनों का अत्यधिक दोहव, विकास परियोजनाओं से पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। पर्यावरण संरक्षण में प्रत्येक व्यक्ति के योगदान से पर्यावरणीय समस्याओं की रोकथाम की जा सकती है। इस अवसर पर डॉ . सतीश चतुर्वेदी ने कहा कि समाज में पर्यावरण सुधार के प्रति चेतना लाने में युवा महत्वपूर्ण भूमिका का अदा कर सकते है। कोई भी जागरण या परिवर्तन युवा शक्ति के बल पर ही संभव है। सवाल पौध लगाने का नहीं, उसे पालने का है, तभी मानव एवं जीवधारियों का हित संभव है।