नीति आयोग की रिपोर्ट : नए भारत में स्वास्थ्य सेवा में और सुधार की जरूरत

Update: 2019-11-19 06:09 GMT

नई दिल्ली। नए भारत में स्वास्थ्य सेवा की संभावनाओं पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए सोमवार को नीति आयोग ने कहा कि भारत ने विगत वर्षो के दौरान वंचित एवं कमजोर वर्ग को गुणवत्तापूर्ण तथा किफायती स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए अनेक कार्य किए हैं, फिर भी कई संकेतक यह बताते हैं कि इसमें सुधार की काफी संभावना है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स की मौजूदगी में आज 'नए भारत के लिए स्वास्थ्य प्रणालियां : ब्लॉक का निर्माण-सुधार के लिए संभावित मार्ग' नामक रिपोर्ट जारी की।

डॉ. कुमार ने कहा, "इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में वित्त पोषण एवं सेवा वितरण के मामले में विभिन्न प्रणालियों के स्तर पर विखंडन की समस्याओं का समाधान करने में हमें मदद मिलेगी।"

उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार लाने तथा एक नए भारत की बढ़ती आकांक्षाओं एवं जरूरतों को पूरा करने के लिए अनेक अवसर तैयार करने की जरूरत है।

इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य के मुद्दे को नीति निर्माण के केन्द्र में रखा गया है, जिसमें भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में संपूर्ण सुधार के लिए एक स्पष्ट मार्गनिर्देश प्रस्तुत किया गया है।

इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य के मुद्दे को नीति निर्माण के केन्द्र में रखा गया है, जिसमें भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में संपूर्ण सुधार के लिए एक स्पष्ट मार्गनिर्देश प्रस्तुत किया गया है।

बिल गेट्स ने भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा सभी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत अत्यन्त आशावान दौर में है और यह अन्य देशों के लिए भी मिसाल बन सकता है। उन्होंने कहा कि प्रमुख चुनौतियों को पूरा करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी है तथा अपनी पहलों के माध्यम से गेट्स फाउंडेशन की ओर से सभी संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

इस रिपोर्ट में भविष्य की स्वास्थ्य प्रणाली के पांच मुख्य क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। साथ ही इसमें जन-स्वास्थ्य के अपूर्ण एजेंडा को पूरा करने और बड़ी बीमा कंपनियों में निवेश करके व्यक्तिगत स्वास्थ्य व्यय को कम करने, सेवा वितरण को आपस में जोड़ने का जिक्र किया गया है ताकि स्वास्थ्य सेवा का बेहतर खरीददार बनाने के लिए नागरिकों का सशक्तीकरण हो पाए और वे डिजिटल स्वास्थ्य का लाभ उठा पाएं।

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