Supreme Court: 'EVM से डेटा मत हटाना', चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, जानें पूरा मामला
Supreme Court: हाल ही में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि एवीएम से फिलहाल डेटा डिलीट न किया जाए।;
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि हाल ही में हुए चुनावों की EVM का डेटा न तो मिटाया जाए और न ही उसमें नया डेटा लोड किया जाए। कोर्ट ने यह निर्देश एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। इस याचिका में EVM की बर्न्ट मेमोरी की जांच के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल बनाने की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने चुनाव आयोग से जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने अपनी बात में यह भी कहा कि मार्च के पहले सप्ताह में इस मामले पर सुनवाई होगी। याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव आयोग ने अब तक EVM की बर्न्ट मेमोरी जांच के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया तैयार नहीं की है, जिससे चुनाव की पारदर्शिता पर बार बार सवाल उठ रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने क्या कहा
ADR की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में चुनाव आयोग EVM की बेसिक जांच और मॉक पोल की प्रक्रिया अपनाता है, लेकिन बर्न्ट मेमोरी की जांच को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह EVM के चारों मुख्य घटकों—कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट, वीवीपैट और सिंबल लोडिंग यूनिट के माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए एक ठोस प्रोटोकॉल लागू करे।
जानकारी के लिए बता दें कि 26 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह के भीतर दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार दोबारा जांच की मांग कर सकते हैं। इस स्थिति में विशेषज्ञों की एक टीम किसी भी पांच माइक्रोकंट्रोलर की बर्न्ट मेमोरी की जांच करेगी। हालांकि, इस जांच का खर्च उम्मीदवार को उठाना होगा। यदि जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उम्मीदवार को खर्च की गई राशि वापस कर दी जाएगी।
EVM को लेकर खड़े हो रहे सवाल
पिछले कुछ सालों में EVM की पारदर्शिता को लेकर कई सवाल उठे हैं। कुछ दल और संगठन बैलेट पेपर की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग कर रहे थे, लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि वीवीपैट की सभी पर्चियों को गिनना आवश्यक नहीं है। हालांकि, चुनाव की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए EVM के बर्न्ट मेमोरी की जांच को आवश्यक बताया गया था। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का ताजा निर्देश चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मार्च में होने वाली अगली सुनवाई में इस मामले पर कुछ फैसला आने की उम्मीद है।