Raipur News: छत्तीसगढ़ में ढाई लाख में नीलाम हुआ 'कुबेर का लड्डू' , 1993 में शुरू हुई थी परंपरा

Update: 2025-01-20 06:06 GMT

Kuber ka Laddu

Auction of Kuber ka Laddu in Raipur : रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुबेर का लड्डू की नीलामी 2 लाख 31 हजार रुपए में हुई है। इस परंपरा की शुरुआत साल 1993 में वनवासी विकास समिति ने छत्तीसगढ़ में रह रही पूर्वोत्तर के राज्यों की जनजातीय बच्चियों की शिक्षा और पोषण के लिए फंड जुटाने के लिए की गई थी। यह पूरा मामला रायपुर के डीडीयू नगर में शबरी कन्या आश्रम का है।

32 सालों से हो रही लड्डू की नीलामी

दरअसल, शबरी कन्या आश्रम में पांच किलों वजह वाले कुबेर के लड्डू को 2 लाख 31 हजार रुपए में रायपुर के कारोबारी आत्मबोध अग्रवाल ने खरीदा है। रायपुर के डीडीयू नगर स्थित शबरी कन्या आश्रम में पिछले 32 साल से लड्डू की नीलामी की जाती है।

इस कार्यक्रम की शुरुआत 1993 में हुई। यहां हर साल मकर संक्रांति के बाद पड़ने वाले रविवार को लड्डू की नीलीमी की जाती है। बता दें कि, लड्डू की नीलामी (खरीदने) करने वाले को आयकर छूट मिलती है।

लड्डू के नीलामी की राशि बच्चियों की पढ़ाई में होगी खर्च  

वनवासी विकास समिति के सचिव डॉ. अनुराग जैन ने बताया लड्डू के नीलामी की राशि उनके पढ़ाई, रहन-सहन और खाने पर खर्च होती है। 32 साल से यही परंपरा इस आयोजन में कुल 80 लोगों ने भाग लिया था। जिसमें महिलाएं भी शामिल थी। वनवासी विकास समिति ने 1993 में आश्रम की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए लड्डू नीलामी की परंपरा शुरू की थी।

सचिव ने बताया कि, इस नीलामी का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर के राज्यों से आई जनजातीय बच्चियों की शिक्षा और पोषण के लिए फंड जुटाना है। जिससे हिंसा और दूसरी वजहों से पलायन का दर्द झेलने वालीं बच्चियों का जीवन संवारा जाए।

बता दें कि, रायपुर के डीडीयू नगर में स्थित शबरी कन्या आश्रम में पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश की बच्चियां पढ़ाई करती हैं। यहां अब तक 2 हजार बच्चियां शिक्षा पूरी कर चुकी हैं. वर्तमान में आश्रम में 43 बच्चियां हैं।


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