Adani Ports: अडाणी समूह को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत गुजरात सरकार को अभी नहीं लौटानी पड़ेगी 108 हेक्‍टेयर जमीन

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। यह मामला 2005 का है, जब 108 हेक्टेयर जमीन अडानी पोर्ट्स को आवंटित की गई थी।

Update: 2024-07-10 10:22 GMT

Adani Ports: नई दिल्ली। अडानी पोर्ट्स को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें राज्य सरकार से पोर्ट कंपनी को आवंटित 108 हेक्टेयर चरागाह भूमि वापस लेने को कहा गया था। यह भूमि कच्छ जिले में मुंद्रा बंदरगाह के पास स्थित है। हाल ही में गुजरात हाई कोर्ट ने कहा था कि अडाणी समूह को गुजरात सरकार ने पोर्ट डेवलप करने के लिए जो 108 हेक्टेयर गोचर भूमि दी है, उसे वापस ले लिया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आज रोक लगा दी है।

गुजरात सरकार के राजस्व विभाग ने 2005 में अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड को 231 एकड़ गौचर भूमि आवंटित की थी। इस फैसले का जनहित याचिका के जरिए विरोध किया गया था। सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला अडाणी समूह के लिए बड़ी राहत की तरह है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। यह मामला 2005 का है, जब 108 हेक्टेयर जमीन अडानी पोर्ट्स को आवंटित की गई थी। 2010 में, जब अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने जमीन पर बाड़ लगाना शुरू किया, तो नवीनल गांव के निवासियों ने जनहित याचिका के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अडानी पोर्ट्स को 231 हेक्टेयर चरागाह भूमि के आवंटन को चुनौती दी।

उन्होंने तर्क दिया कि गांव में चरागाह भूमि की कमी है और इस आवंटन से उनके पास केवल 45 एकड़ जमीन बचेगी। 2014 में, राज्य सरकार द्वारा यह कहने के बाद कि चरागाह के लिए 390 हेक्टेयर सरकारी भूमि देने का आदेश पारित किया गया है, न्यायालय ने मामले का निपटारा कर दिया।

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