ISRO ने रचा इतिहास, लॉन्च किया चंद्रयान मिशन-3
भारत चंद्रमा की सतह पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने वाला चौथा देश बनेगा
नईदिल्ली। भारत ने इतिहास रचते हुए आज चांद की तरफ एक ओर कदम बढ़ा दिया है।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो )ने श्रीहरिकोटा स्थित सेंटर से आज दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च कर दिया है।चंद्रयान-3 लैंडर, रोवर और पॉपुलेशन मॉड्यूल से लैस है। यदि भारत इस मिशन में सफल हो जाता है तो अंतरिक्ष में भारत की ये बड़ी उपलब्धि होगी।
चंद्रयान-3 के कक्षा में सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो में जश्न मनाया गया। इसके बाद इसरो वैज्ञानिकों ने प्रक्षेपण यान से उपग्रह के सफलतापूर्वक अलग होने की घोषणा कर दी है। उपग्रह को अब चंद्रमा की यात्रा शुरू करने के लिए वांछित कक्षा में स्थापित कर दिया गया है।
सॉफ्ट लैंडिंग पर टारगेट -
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के चंद्र मिशनों के महत्व को रेखांकित करते हुए चंद्रयान-3 के लिए शुभकामनाएं दी थीं। कक्षा उत्थान प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 को चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेप पथ में डाला जाएगा। 3 लाख किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए यह आने वाले हफ्तों में चंद्रमा पर पहुंचेगा। चंद्रयान 24 या 25 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा। इसके सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद की जा रही है। अगले 14 दिन रोवर लैंडर के चारों ओर 360 डिग्री में घूमेगा और कई परीक्षण करेगा। रोवर के चलने से पहिए के जो निशान चंद्रमा की सतह पर बनेंगे, उनकी तस्वीर भी लैंडर भेजेगा। यहां सॉफ्ट लैंडिंग के बाद यान पर मौजूद वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेंगे।
राष्ट्रध्वज लगाने वाला चौथा देश बनेगा भारत -
भारत चंद्रमा पर राष्ट्रध्वज पहुंचाने वाला चौथा देश बनेगा ही, चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुंचने वाला पहला देश भी होगा। यह वही इलाका है जहां चंद्रयान-1 के दौरान मून इंपैक्ट प्रोब छोड़ा था और इसरो ने पानी होने का पता लगाया था। यहीं चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी।मिशन सफल रहा तो चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन जाएगा।