Mahashivratri 2025: साल में पड़ती है चार शिवरात्रि, जानिए हर एक का महत्व
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि आने में जहां एक ही दिन बाकी बचा है वहीं पर शिव भक्तों ने भगवान शिव की पूजा करने की तैयारी शुरू करती है। इस दिन पूजा करने के साथ ही व्रत रखने का नियम भी होता है। महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती जी का मिलन हुआ था इसी उपलक्ष्य में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। क्या आप जानते हैं शिवरात्रि केवल एक नहीं चार प्रकार की होती है अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इस पूरी खबर में...
धर्म शास्त्र में मिलता है इस शिवरात्रि का उल्लेख
आपको बताते चलें कि, हिंदू धर्म शास्त्रों में साल में पड़ने वाली चारों शिवरात्रि का वर्णन मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं साल में पड़ने वाली चार शिवरात्रि कौन सी हैं।
1- महाशिवरात्रि
धर्म शास्त्र के अनुसार, सबसे बड़ी शिवरात्रि में से एक महाशिवरात्रि होती है। इस खास दिन के मौके पर ही शिव-शक्ति एक हुए थे. महाशिवरात्रि साल में एक ही बार पड़ती है. इस दिन मंदिरों में शिव जी की बारात निकाली जाती है। कहते हैं कि, मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती भ्रमण पर निकलते हैं विधि विधान के साथ पूजन करने के साथ रात्रि जागरण से भगवान शिव भक्तों की मनोकामना को पूरी करते हैं।
2- मासिक शिवरात्रि
यह शिवरात्रि महा शिवरात्रि से अलग है जो हर महीने आती है। मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती हैं। इस दिन भी भगवान शिव की सच्ची भक्ति करनी चाहिए।
3-सावन शिवरात्रि
सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि या श्रावण शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। धर्मशास्त्र के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है। कहते हैं कि, इस शिवरात्रि पर भगवान शिव का पूजन और व्रत करता है उसे अक्षय फल प्राप्त होते हैं और घर में धन का भंडार भरा रहता है।
4- नित्य शिवरात्रि
मासिक शिवरात्रि और सावन शिवरात्रि से अलग एक नित्य शिवरात्रि भी होती है। जो रोजाना मनाई जाती है जानी इसे लेकर कहा जाता है कि हर रात भगवान शिव की होती है।व्यक्ति सोते समय भगवान शिव की दिव्य ऊर्जाओं से घिर जाता है. इससे व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से मजबूत होने में और अधिक सहायता प्राप्त होती है।
जानिए महाशिवरात्री का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर शुरु होगी. वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. इसी दिन इसका व्रत रखा जाएगा।