Hindenburg ने लगाए SEBI अध्यक्ष पर आरोप, रिपोर्ट में अडानी स्कैंडल कनेक्शन का खुलासा
Hindenburg Accuses SEBI Chairperson : हिंडनबर्ग ने शनिवार सुबह ही भारत में कुछ बड़ा होने की बात कही थी।
Hindenburg Accuses SEBI Chairperson : नई दिल्ली। हिंडनबर्ग द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि, सेबी प्रमुख और उनके पति के पास अडानी के पैसे की हेराफेरी में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। सीधे शब्दों में हिंडनबर्ग ने एक व्हिसलब्लोअर रिसर्च पेपर (Hindenburg Research) का हवाला देते हुए खुलासा किया है कि, SEBI अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हिस्सेदारी थी।
हिंडनबर्ग के इन आरोपों पर सेबी की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। हिंडनबर्ग ने शनिवार सुबह ही भारत में कुछ बड़ा होने की बात कही थी। देर रात यह रिपोर्ट शेयर की गई है।
NEW FROM US:
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 10, 2024
Whistleblower Documents Reveal SEBI’s Chairperson Had Stake In Obscure Offshore Entities Used In Adani Money Siphoning Scandalhttps://t.co/3ULOLxxhkU
अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को आरोप लगाया कि, सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास “अडानी समूह के पैसे की हेराफेरी” में इस्तेमाल किए गए “अस्पष्ट ऑफशोर फंड” में हिस्सेदारी थी। शॉर्ट-सेलर ने जनवरी 2023 में अडानी समूह के खिलाफ स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे।
कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला :
रिपोर्ट में कहा गया है कि, अडानी समूह पर हमारी मूल रिपोर्ट को लगभग 18 महीने हो चुके हैं, जिसमें इस बात के पुख्ता सबूत पेश किए गए थे कि अडाणी समूह "कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला" कर रहा था। तब से, हमारे मूल काम की पुष्टि और विस्तार करने वाले 40 से अधिक स्वतंत्र मीडिया जांचों के साथ-साथ सबूतों के बावजूद, भारतीय प्रतिभूति नियामक सेबी ने अदानी समूह के खिलाफ कोई सार्वजनिक कार्रवाई नहीं की है।
व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चलता है कि, सेबी की वर्तमान अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति के पास अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि, हमें यह एहसास नहीं था कि, वर्तमान सेबी अध्यक्ष और उनके पति धवल बुच के पास ठीक उसी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में छिपी हुई हिस्सेदारी थी, जो उसी जटिल नेस्टेड संरचना में पाए गए थे, जिसका उपयोग विनोद अडानी द्वारा किया गया था।
व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के अनुसार, माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोला था। आईआईएफएल के एक प्रिंसिपल द्वारा हस्ताक्षरित निधियों की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत "वेतन" है और दम्पति की कुल संपत्ति 10 मिलियन डॉलर आंकी गई है।
यहां पढ़िए हिंडनबर्ग खुलासे की पूरी रिपोर्ट :