लाख का इतिहास महाभारत जितना पुराना: लाख की खेती से महिलाएं बनेंगी लखपति- रांची में बोले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान
ICAR-NISA Centenary Celebration : रांची, झारखंड। लाख का इतिहास महाभारत जितना पुराना है। कौरवों ने पांडवों को मारने के लिए उस समय लाक्षागृह बनाया था। ये लाक्षागृह लाख से बनाया गया था। लाख का इतिहास भारतीय इतिहास जितना ही पुराना है...प्राचीन काल से ही लाख की खेती होती आ रही है। आज भी लाख की खेती बहुत महत्वपूर्ण है। यह बात केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को रांची में आयोजित ICAR-NISA का शताब्दी समारोह में कही है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद थे।
भारत करता है 400 करोड़ का लाख निर्यात
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है...हमें पारंपरिक खेती से आगे बढ़ना होगा...जब हम इस दिशा में सोचते हैं तो लाख की खेती बहुत महत्वपूर्ण है। हम करीब 400 करोड़ रुपये का लाख निर्यात करते हैं...इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं।
लाख की खेती से महिलाएं बनेंगी लखपति
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने आगे कहा कि, लाख की खेती करना बहुत आसान है। इसे महिलाएं भी बड़ी आसानी से कर पाएंगी। वर्तमान में लाख की खेती करने वाले किसान भाइयों को 15 से 20 लाख रुपए तक की कमाई हो रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में लखपति दीदी योजना के माध्यम से बहनों के सशक्तिकरण का अभियान चलाया जा रहा है। बहनें लाख की खेती कर आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनेंगी। लखपति दीदी बनाने में लाख अहम योगदान दे सकता है।
पांच हजार किसानों को देंगे प्रशिक्षण
समारोह के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान करते हुए कहा कि पहले 1500 किसानों को प्रशिक्षण दिया जाने वाला था लेकिन अब 5000 किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। रांची को देश का कृषि शिक्षा केंद्र और अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा। प्लास्टिक से बचने के लिए लाख का उपयोग कर सकते हैं।
लाख का उत्पादन दुगुना करने का विजन
कृषि मंत्री शिवराज ने आगे कहा कि लाख की खेती से महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा। लाख का उत्पादन दुगना हो ये हमारा विजन है। लाख को कृषि उत्पाद के तौर पर पूरे देश में मान्यता मिल जाए इसके लिए मैं सारे प्रयास करूंगा। इससे कृषि विभाग की कई योजनाओं का लाभ लाख के किसानों को मिलेगा। लाख के क्लस्टर आधारित प्रसंस्करण ताकि प्रोसेसिंग का काम आसान हो जाए।