भारत की तालिबान को दो टूक: आतंकी गतिविधि के लिए ना हो अफगान धरती का उपयोग

Update: 2021-09-02 16:27 GMT

नईदिल्ली। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत का ध्यान इस बात पर केन्द्रित है कि अफगानिस्तान की भूमि से आतंकवाद और भारत विरोधी गतिविधियों का संचालन न हो। अफगानिस्तान में सरकार गठन आदि मुद्दे अभी प्रारंभिक दौर में हैं। ऐसे में किसी सरकार को मान्यता देने का सवाल अप्रासांगिक है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से गुरुवार को प्रेसवार्ता के दौरान तालिबान की प्रस्तावित सरकार को मान्यता देने के बारे में कई सवाल पूछे गए थे। मीडिया ने प्रवक्ता से यह भी जानना चाहा था कि क्या भारत सरकार तालिबान को आतंकवादी संगठन मानती है या नहीं। प्रवक्ता ने इन सवालों के जवाब में केवल दोहा बैठक के बारे में जारी विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि बैठक सकारात्मक थी। भारत की ओर से इस बात पर जोर दिया गया कि अफगान सरजमीं का उपयोग आतंकवाद और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए न हो। उन्होंने कहा कि दोहा बैठक एकाएक नहीं हुई बल्कि यह एक सुविचारित फैसला था। अफगानिस्तान पर भारत के रोडमैप के बारे में उन्होंने कहा कि घटनाक्रम बदल रहा है तथा अभी प्रारंभिक दौर में है।

अफगानिस्तान सेल काम कर रहा

प्रवक्ता ने इस संबंध में कुछ नहीं कहा कि तालिबान प्रतिनिधि की ओर से बैठक में क्या कहा गया। प्रवक्ता ने बैठक के बारे में तालिबान की ओर से कोई विज्ञप्ति जारी नहीं किए जाने पर भी कोई टिप्पणी नहीं की।विदेश मंत्रालय ने कहा कि काबुल में उसका अफगानिस्तान सेल काम कर रहा है।सेल वहां फंसे भारतीय नागरिकों के संपर्क में है। काबुल हवाई अड्डे पर हवाई उड़ानों का संचालन जैसे ही शुरु होगा लोगों को निकाला जाएगा। प्रवक्ता ने वहां फंसे भारतीय नागरिकों की निश्चित संख्या के बारे में नहीं बताया।प्रवक्ता ने भारत में रह रहे अफगान नागरिकों के बारे में कहा कि उनके वीजा की अवधी बढ़ाए जाने के बारे में समुचित फैसला किया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण कुछ लोगों का वीजा अवधी स्वतः बढ़ा दी गई है।

 ई-वीजा प्रणाली - 

विदेश मंत्रालय की ओर से शुरु की गई ई-वीजा प्रणाली के तहत वीजा छह महीने तक वैध रहेगा।प्रवक्ता ने भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की संपत्ति की सुरक्षा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत वहां शांति और सामान्य स्थिति चाहता है।प्रवक्ता ने कश्मीर के पृथकतावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से भेजे गए शोक संदेश पर कोई टिप्पणी नहीं की।

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