NEET Paper Leak Case : Re-NEET पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कह दिया? सबकी निगाह अब फैसले पर

NEET Paper Leak Case : सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से यह भी पूछा कि, पूरी परीक्षा में 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना केंद्र बदला?

Update: 2024-07-18 08:11 GMT

NEET Paper Leak Case

NEET Paper Leak Case : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को नीट पेपर लीक मामले में अहम सुनवाई हो रही है। अब तक हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने NTA और छात्रों की दलीलें सुनी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने NTA से कई सवाल भी किए। री - नीट की मांग कर रहे छात्रों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। इस टिप्पणी के बाद सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि नीट-यूजी 2024 को नए सिरे से आयोजित करने का कोई भी आदेश इस ठोस आधार पर होना चाहिए कि, पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई हो। सरल शब्दों में समझा जाए तो सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, यदि बड़े स्तर पर पेपर लीक हुआ हो तभी री - नीट पर विचार किया जाना चाहिए। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी परदीवला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।

शीर्ष अदालत ने नीट-यूजी याचिकाओं से पहले सूचीबद्ध मामलों को स्थगित कर दिया और कहा, "हम आज मामले को सुनेंगे। लाखों युवा छात्र इसका इंतजार कर रहे हैं।" सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा कि, नीट -यूजी 2024 परीक्षा में शीर्ष सौ रैंक लाने वाले छात्र कहां से हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से यह भी पूछा कि, पूरी परीक्षा में 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना केंद्र बदला?

एनटीए ने अदालत ने कहा कि सुधार के नाम पर छात्रों ने केंद्र बदला और 15,000 छात्रों ने सुधार के लिए खिड़की का इस्तेमाल किया। एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि छात्र केवल शहर बदल सकते हैं और कोई भी उम्मीदवार केंद्र नहीं चुन सकता। केंद्र का आवंटन सिस्टम द्वारा किया जाता है। केंद्र का आवंटन परीक्षा से केवल दो दिन पहले होता है, इसलिए कोई नहीं जानता कि कौन सा केंद्र आवंटित होने वाला है।

सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से डेटा के बारे में जानना चाहा कि एक लाख आठ हजार में से कितने उम्मीदवारों ने अपने शहर बदले थे? क्या उन्हें किसी संदिग्ध क्षेत्र में बदल दिया गया था? क्या 9 और 10 अप्रैल (जब नए आवेदनों के लिए खिड़की खोली गई थी) के बीच पंजीकरण करने वालों के बीच कोई विषमता है? सवाल पूछने के बाद लंच ब्रेक हो गया अब आगे की सुनवाई लंच के बाद होगी।

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