करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान से बातचीत अटकी
नई दिल्ली/स्व.स.से.। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान द्वारा बनाई गई समिति में कई खालिस्तानी अलगाववादियों को शामिल किए जाने को लेकर भारत ने सख्त रुख अपनाया है। भारत ने इसे लेकर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा है और दो टूक कहा है कि जबतक पड़ोसी देश जवाब नहीं देता, तबतक करतारपुर कॉरिडोर को लेकर दोनों देशों के बीच अगले चरण की बातचीत नहीं होगी। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब कर करतारपुर पैनल में खालिस्तानियों की मौजूदगी पर चिंता जताई। भारत ने पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सईद हैदर शाह से यह भी कहा है कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर को शुरू करने के तौर-तरीकों को लेकर अटारी में हुई पिछली बैठक में नई दिल्ली ने जो मुख्य प्रस्ताव दिए थे, उन पर इस्लामाबद के रुख को स्पष्ट करें। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक पाकिस्तान से कह दिया गया है कि कॉरिडोर के तौर-तरीकों को लेकर दोनों देशों के बीच होने वाली बैठक पाकिस्तान का जवाब मिलने के बाद किसी उचित समय पर बातचीत हो सकती है। दोनों देशों के बीच अगले चरण की बातचीत वाघा सीमा पर 2 अप्रैल को होनी थी। कॉरिडोर के लिए अधोसंरचना विकास को तेज करने के लिए भारत ने मध्य अप्रैल में तकनीकी विशेषज्ञों ने एक अन्य बैठक का प्रस्ताव दिया है ताकि जिन मुद्दों पर मतभेद हैं, उन्हें सुलझाया जा सके।
बता दें कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले स्थित डेरा बाबा नानक गुरद्वारा से जोडऩे के लिए कॉरिडोर बनाने पर सहमत हुए थे। पाकिस्तान स्थित करतारपुर में ही सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव ने देह त्यागी थी। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवल जिले में रावी नदी के उस पार स्थित है। यह डेरा बाबा नानक गुरद्वारे से 4 किलोमीटर की दूरी पर है। 26 नवंबर को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरदासपुर जिले में करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया था। उसके 2 दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लाहौर से 125 किलोमीटर दूर नरोवल में कॉरिडोर का शिलान्यास किया था।