सीनियर IAS राजेश कुमार सिंह के खिलाफ नहीं होगी अवमानना की कार्यवाही, UP सरकार पर 5 लाख का जुर्माना

Update: 2024-09-28 07:12 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग के पूर्व प्रधान सचिव IAS राजेश कुमार सिंह के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही बंद करने का आदेश दे दिया है। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। IAS राजेश कुमार सिंह ने दोषी की छूट याचिका पर निर्णय लेने में देरी के लिए दायर हलफनामे में झूठा बयान दिया था।

जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने कहा कि, हम मामले की गहराई से जांच कर सकते हैं और जिम्मेदारी तय कर सकते हैं, लेकिन हमारे पास बहुत सारे मामले लंबित हैं। इसलिए हमें ऐसे मामलों पर समय बर्बाद करना उचित नहीं लगता, खासकर तब जब अधिकारियों को अपनी गलती स्वीकार करने का अवसर दिए जाने के बावजूद उन्होंने अपनी गलती स्वीकार नहीं की है।

न्यायालय ने आगे कहा कि, अदालत का समय बचाने के लिए हमने उदारता दिखाने और अवमानना ​​के नोटिस सहित कार्यवाही बंद करने का फैसला किया है। हालांकि हम उत्तर प्रदेश राज्य को एक महीने के भीतर यूपी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को 5 लाख रुपये का जुर्माना अदा करने का निर्देश देते हैं। चूंकि याचिकाकर्ता को समय से पहले रिहाई का आदेश दिया गया, इसलिए अब और कुछ निपटाने की आवश्यकता नहीं है।

जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने यह देखते हुए अवमानना ​​नोटिस जारी किया कि पूर्व प्रमुख सचिव राजेश सिंह ने अपने पहले के रुख को वापस ले लिया कि सीएम सचिवालय ने लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के कारण छूट की फाइलें स्वीकार नहीं की थीं।

न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि हालांकि वह समय बचाने के लिए कार्यवाही बंद कर रहा है, लेकिन वह अवमानना ​​के लिए सरकारी अधिकारियों द्वारा दिए गए किसी भी स्पष्टीकरण को स्वीकार नहीं करता है।

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