Bhadrak communal tension: ओडिशा के भद्रक में इंटरनेट बंद, सोशल मीडिया पोस्ट से भड़की हिंसा
ओडिशा सरकार ने सोशल मीडिया पोस्टिंग के कारण हुई हिंसक सांप्रदायिक घटनाओं के मद्देनजर भद्रक जिले में इंटरनेट सेवाएं 48 घंटे के लिए निलंबित कर दी हैं। जानकारी के अनुसार भद्रक जिले में शुक्रवार को कथित तौर पर आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के कारण पथराव और हिंसा भड़क गई, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। 19 सितंबर को एक धार्मिक झंडे को फाड़े जाने को लेकर दो समुदायों के बीच झड़प के बाद जिले में कर्फू लगा दिया गया था।
ओडिशा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सत्यब्रत साहू द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इस तरह के भड़काऊ संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए पूरे जिले में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार एक खास धर्म का अपमान करने वाली फेसबुक पोस्ट के कारण शुक्रवार को पुरुना बाजार पुलिस स्टेशन क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन हुए। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन अंततः हिंसक हो गया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत अपने निषेधाज्ञा आदेश में, भद्रक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट मनोज पात्रा ने कहा कि पथराव में कम से कम दो पुलिसकर्मी - जिसमें एक शहर डीएसपी भी शामिल है - घायल हो गए। आदेश में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन में कथित तौर पर एक सरकारी वाहन भी क्षतिग्रस्त हुआ है।
ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "पुलिस को हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आवश्यक सख्त कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है।" तनाव अभी भी बना हुआ है, इसलिए पुलिस ने कम से कम सात टुकड़ियाँ भेजी हैं और फ़्लैग मार्च भी किया है। मामले में अभी तक एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है। "हमने स्थिति पर कड़ी नज़र रखी है और इसे नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति के लिए ज़िम्मेदार सभी लोगों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"