Delhi Air Pollution Alert: दिल्‍ली की हवा में फिर जहर, AQI 300 के पास, इन चीजों का ध्‍यान रखें दिल्‍लीवासी...

Update: 2024-10-18 10:03 GMT

हर मौसम में परेशानियों का सामना करने वाले दिल्‍लीवासी सर्दियों में फिर एक बार वायु प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। पहले से ही प्रदूषण के गंभीर खतरे का सामना कर रही दिल्ली में गुरूवार का दिन सीजन का सबसे अधिक प्रदूषित दिन आंका गया।

शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार बढ़ते हुए "बेहद खराब" की स्थिति के करीब पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि 20 अक्टूबर तक स्थिति और भी गंभीर होने की आशंका है, जिसके मद्देनजर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-2 के तहत सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।

दिल्ली में बढ़ता AQI

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, दिल्ली का AQI 285 तक पहुंच चुका है, जो साफ तौर पर प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। दिल्ली के कई इलाकों में AQI 300 के पार हो चुका है, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है।

शादीपुर का AQI 338, विवेक विहार का 332, मुंडका का 383, और पटपड़गंज का 352 रहा, जो साफ तौर पर हवा की खराब गुणवत्ता को दर्शा रहा है। इसके साथ ही नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, और गुरुग्राम जैसे एनसीआर क्षेत्र भी प्रदूषण से अछूते नहीं हैं।

GRAP-2 लागू होने की संभावना

दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के बीच GRAP-2 के तहत कई पाबंदियां लागू की जा सकती हैं। इसका उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और शहरवासियों को राहत प्रदान करना है। GRAP-2 के अंतर्गत लागू होने वाली मुख्य पाबंदियां इस प्रकार हैं:

डीजल जेनरेटरों पर रोक: डीजल से चलने वाले जेनरेटरों पर रोक लगाई जाएगी, हालांकि इमरजेंसी सेवाओं में इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। जैसे कि अस्पताल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि में।

पार्किंग फीस में बढ़ोतरी: निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस में बढ़ोतरी की जाएगी, ताकि लोग सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करें।

CNG और इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार: मेट्रो और बस सेवाओं का विस्तार किया जाएगा ताकि लोग निजी वाहनों की बजाय इन साधनों का उपयोग कर सकें।

कूड़ा जलाने पर रोक: कूड़ा, लकड़ी या अन्य सामग्री जलाने पर सख्त पाबंदी होगी, और RWA को सलाह दी गई है कि वे अपने सिक्योरिटी गार्ड्स को हीटर उपलब्ध कराएं।

प्रदूषण के खिलाफ नागरिकों की जिम्मेदारी

दिल्ली में सरकार की हालत देखते हुए सकरार से किसी भी प्रकार की जिम्‍मेदारी की उम्‍मीद नहीं की जा सकती, दिल्‍ली में बारिश के चलते कई लोंगो की जान कई और लगभग हर जगह लोंगो को परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सर्दियों मेंं भी दिल्‍ली सरकार पटाखों को बैन करने के अलावा कोई खास कदम नहीं उठाने वाली है।

बढ़ते प्रदूषण को रोकने में नागरिकों की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण है। CPCB द्वारा नागरिकों के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं ताकि प्रदूषण की स्थिति को और खराब होने से रोका जा सके:

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक उपयोग: निजी गाड़ियों का कम से कम उपयोग करें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस और मेट्रो का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें।

गाड़ियों की मेंटेनेंस: अपनी गाड़ियों के एयर फिल्टर को नियमित रूप से बदलवाएं ताकि वे कम प्रदूषण फैलाएं।

कंस्ट्रक्शन गतिविधियों से बचें: कंस्ट्रक्शन जैसी धूल पैदा करने वाली गतिविधियों को अक्टूबर से जनवरी के बीच न करवाएं, क्योंकि यह समय प्रदूषण के लिहाज से सबसे संवेदनशील होता है।

कूड़ा और लकड़ी न जलाएं: सर्दियों के दौरान लोग गर्माहट के लिए कूड़ा या लकड़ी जलाते हैं, जिससे प्रदूषण में इजाफा होता है। इससे बचने के लिए सुरक्षित हीटिंग साधनों का उपयोग करें।

GRAP-2 के अंतर्गत डीजल जेनरेटर की पाबंदियां

GRAP-2 के तहत डीजल जेनरेटर पर पाबंदी लगाई जाती है, हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में इनका उपयोग किया जा सकता है। जैसे कि अस्पताल, रेलवे स्टेशन, मेट्रो, एयरपोर्ट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसे इमरजेंसी सेवाओं में इनका इस्तेमाल जारी रहेगा।

इसके अलावा, जिन जेनरेटरों की क्षमता 800 KVA से अधिक है, वे तब तक नहीं चल सकते जब तक कि उनकी रेट्रोफिटिंग नहीं की गई हो।

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता

दिल्ली का प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है, बल्कि यह शहर की कार्यक्षमता और नागरिकों की जीवनशैली पर भी बुरा असर डालता है। प्रदूषित हवा में सांस लेने से फेफड़ों की बीमारियों, अस्थमा, और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है।

GRAP-2 के तहत उठाए गए कदम एक आवश्यक शुरुआत हैं, लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब हम सभी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं।

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