मप्र के कॉलेजों में पढ़ाई जाएगी रामचरितमानस, छात्र रामसेतु से सीखेंगे इंजीनियरिंग

Update: 2021-09-13 13:11 GMT

भोपाल। प्रदेश में कोरोना काल के बाद अब 15 सितंबर से कॉलेज खुलने जा रहे है। इससे पहले राज्य सरकार ने शिक्षा को लेकर बड़ी योजना तैयार की है। जिसके तहत अब BA फर्स्ट ईयर के छात्र भगवान श्री राम के बारे में पढ़ेंगे।

उच्च शिक्षा विभाग ने रामचरितमानस व्यवहारिक दर्शन नाम से सिलेबस तैयार किया है। जिसका 100 मार्क्स का पेपर होगा। इस विषय को दर्शन शास्त्र के अंतर्गत रखा गया है।  जिसे हिंदी और दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर पढ़ाएंगे। यानी जहां सिर्फ हिंदी के प्रोफेसर हैं, तो वहां वे और जहां दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर हैं, वहां वही यह विषय पढ़ाएंगे। यह इसी सत्र 2021-2022 से शुरू होगा। 

वैकलिपक विषय - 

नई शिक्षा नीति के तहत तैयार सिलेबस में फर्स्ट ईयर में श्री रामचरितमानस अप्लाइड फिलॉसफी को वैकल्पिक विषय के रूप में रखा गया है।अग्रेजी के फाउंडेशन कोर्स में फर्स्ट ईयर के छात्रों को सी राजगोलाचारी की महाभारत की प्रस्तावना पढ़ाई जाएगी। राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अग्रेजी, हिंदी, योग और ध्यान के साथ तीसरा फाउंडेशन कोर्स भी पेश किया गया है।  इसमें ओम ध्यान और मंत्रों का उच्चारण शामिल है। 

इंजीनियरिंग गुणों के विषय में जानकारी - 

रामचरितमानस अप्लाइड फिलॉसफी के चैप्टरों में राम सेतु पुल का निर्माण विषय के जरिए भगवान राम के इंजीनियरिंग गुणों के बारे में पढ़ाया जाएगा। संशोधिक पाठ्यक्रम के अनुसार, विषय व्यक्तित्व विकास और मजबूत चरित्र के बारे में पढ़ाएगा और इसमें दिव्य गुणों को सहने करने की क्षमता और उच्च व्यक्तित्व के संकेत और श्री राम की अपने पिता के प्रति आज्ञाकारिता और अत्याधिक भक्ति समेत मानव व्यक्तित्व के उच्चतम गुण जैसे विषय भी शामिल होंगे।   

जीवन के मूल्यों की शिक्षा - 

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा की ये विषय छात्रों को जीवन के मूल्यों के बारे में सिखाने और उनके व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए शामिल किया गया है।  उन्होंने कहा की हमने महाभारत और रामचरितमानस ने बहुत कुछ सीखा है। अब हम छात्रों को सिर्फ छात्रों को शिक्षित नहीं करना चाहते,बल्कि उन्हें अच्छा इंसान भी बनाना चाहते हैं।  

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