Osho Ashram: ओशो के अलग - अलग आश्रम में 50 से अधिक बार रेप, सन्यासी सेक्स कल्ट में फंसी पीड़िता की चौंकाने वाली कहानी...

Update: 2024-10-01 04:04 GMT

Child Sexually Abused in Osho Ashram : "मैं चाहती हूँ कि, दुनिया को पता चले कि मेरे और अनगिनत अन्य लोगों के साथ क्या हुआ। हम मासूम बच्चे थे, जिनका आध्यात्मिक ज्ञान के नाम पर यौन शोषण किया गया। मेरे सात साल के दिमाग में भी, मुझे लगता था कि यह कितना अजीब काम है। मैं पहले से ही मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत भ्रमित हो रही थी।" अपनी आपबीती सुनाते हुए 54 वर्षीय प्रेम सरगम सहम गईं। ब्रिटिश नागरिक प्रेम सरगम सेक्स कल्ट के बारे में कई खुलासे किए। उन्होंने ओशो के आश्रमों में होने वाले सेक्स एब्यूज पर बात की। उनके इस खुलासे के बाद ओशो एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं।

रजनीश, जिसे ओशो के नाम से जाना जाता है। ओशो की मृत्यु 1990 में हुई थी लेकिन उनका संन्यासी आंदोलन फिर से लोगों की नज़रों में आ गया है। 54 वर्षीय ब्रिटिश महिला प्रेम सरगम जो कुख्यात सेक्स कल्ट में पली-बढ़ी, उन्होंने अपने दर्दनाक अनुभव को साझा किया है। प्रेम सरगम ​​ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में बताया कि, छह साल की उम्र से ही उन्हें तीन "आश्रमों" में उन्हें यौन शोषण का सामना करना पड़ा।

आध्यात्मिक ज्ञान के नाम पर रेप :

प्रेम सरगम ​​ने अपने बचपन और भारतीय रहस्यवादी भगवान कहे जाने वाले रजनीश उर्फ ​​ओशो के नेतृत्व वाले "घृणित संन्यासी सेक्स कल्ट" के बारे में बताया कि, कैसे उन्हें "स्वतंत्र प्रेम" के नाम पर नाबालिग होने पर यौन शोषण सहने के लिए मजबूर किया गया था।"

बच्चे माता - पिता की यौन स्वतंत्रता में बाधा :

प्रेम सरगम ने कहा, "मैं चाहती हूँ कि दुनिया को पता चले कि मेरे और अनगिनत अन्य लोगों के साथ क्या हुआ। सरगम ने कहा, "हम मासूम बच्चे थे, जिनका आध्यात्मिक ज्ञान के नाम पर शोषण किया गया।" यह तब शुरू हुआ जब सरगम ​​का परिवार अपने डेवोन निवास से पुणे में कल्ट के आश्रम में ट्रांसफर हो गया। उस समय वह सिर्फ छह साल की थी। उसके निराश पिता ने रजनीश से ज्ञान की तलाश की, जिन्हें लोकप्रिय रूप से ओशो कहा जाता था। 6 साल की बच्ची को अपना नाम बदलने, भगवा वस्त्र पहनने और एक ऐसे दर्शन को अपनाने के लिए मजबूर किया गया, जो बच्चों को माता-पिता की यौन स्वतंत्रता में बाधा के रूप में देखता था।

नाबालिगों से सेक्सुअल एक्ट करने की अपेक्षा :

प्रेम सरगम ने बताया कि, "कल्ट का मानना ​​​​था कि बच्चों को नियमित रूप से सेक्स देखना चाहिए। पुबर्टी से गुजर रही लड़कियों को उनकी यौन इच्छाओं पर वयस्क पुरुषों द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न को याद करते हुए सरगम ​​ने कहा, "बच्चों के लिए सेक्सुएली एक्टिव होना अच्छा माना जाता था।" यह माना जाता था कि, बच्चे अपने माता-पिता के यौन जीवन में बाधा थे। इसका मतलब था कि सरगम ​​अपने माता-पिता से दूर, बच्चों के क्वार्टर में रहती थी, बिना शिक्षा के, और दिन में 12 घंटे रसोई में काम करती थी। हालांकि, कल्ट में शामिल होने के एक साल बाद प्रताड़ना बढ़ गई। सरगम ने बताया कि सात से 11 साल की उम्र के बीच, उससे और उसकी सहेलियों से कम्यून में रहने वाले वयस्क पुरुषों के साथ अलग-अलग सेक्सुअल एक्ट करने की अपेक्षा की जाती थी।

प्रेम सरगम ने अपने एक्सपीरियंस पर बात करते हुए कहा कि, "एक वयस्क व्यक्ति ने उसे प्रशिक्षित किया। उसे “एक छोटे कुत्ते की तरह” अपने पीछे चलने को कहा।" प्रेम सरगम बतातीं हैं कि, "मेरे सात साल के दिमाग में भी, मुझे लगता था कि यह कितना अजीब काम है। मैं पहले से ही मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत भ्रमित हो रही थी। बाद में, "बोर्डिंग स्कूल" कार्यक्रम में भाग लेने के बहाने, सरगम ​​को सफ़ोक में मदीना आश्रम में स्थानांतरित कर दिया गया। जहां दोबारा सरगम को शोषण का सामना करना पड़ा।"

50 से अधिक बार बलात्कार :

प्रेम सरगम ने आखिरी में बताया कि, "केवल 16 साल की उम्र में मुझे समझ में आया कि क्या हुआ था। 12 साल की उम्र में, सरगम ​​को अमेरिका में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहाँ वह अपनी माँ के साथ ओरेगन के एक आश्रम में रहने लगी थी। उस समय तक, वह 50 से अधिक बार बलात्कार सह चुकी थी।"

चिल्ड्रन ऑफ़ द कल्ट :

बता दें कि, प्रेम सरगम की चिल्ड्रन ऑफ़ द कल्ट (Children of the Cult) नामक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ होने वाली है। इस डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने अपने और दो अन्य ब्रिटिश महिलाओं के साथ ओशो के आश्रम में हुए यौन उत्पीड़न पर कई खुलासे किए हैं। 

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