बूथ लेवल पर मतदान डाटा सार्वजनिक करने की ADR की याचिका पर Supreme Court ने नहीं दी राहत

Petition To Make Form 17 C Data Public Rejected : आरोप लगाए गए थे कि, मतदान के बाद वोटिंग परसेंट के आंकड़ों में अंतर सामने आया है।

Update: 2024-05-24 07:44 GMT

Petition To Make Form 17 C Data Public Rejected

Petition To Make Form 17 C Data Public Rejected : दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने फॉर्म 17सी पर आधारित डेटा को सार्वजनिक करने की याचिकाकर्ताओं की सभी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने निराधार आशंकाओं और शंकाओं के बारे में चुनाव आयोग की चिंताओं को पूरी तरह से मान्यता दी है। चुनाव आयोग ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया था कि, वेबसाइट पर 17सी देने से शरारत हो सकती है और मतदाताओं के बीच अविश्वास पैदा हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के शीर्ष वकील ने कहा कि, लोगों को ईसीआई पर पूरा भरोसा है। मतदाता मतदान डेटा साझा करने के लिए ईसीआई द्वारा कोई वैधानिक आवश्यकता नहीं होने के मद्देनजर, अदालत ने कहा, "अब मुझे खुली अदालत में कहना होगा कि यह -आ बेल मुझे मार जैसा है।"

ईसीआई के वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने अदालत का ध्यान ईसीआई सीए के पैरा 58 की ओर आकर्षित किया, ताकि यह दिखाया जा सके कि "याचिकाकर्ता ने कमी साबित करने के लिए पूर्व सीईसी के बयान में हेरफेर कैसे किया। अदालत ने कहा, "अदालत ने आधारहीन आशंकाओं और संदेहों के बारे में चुनाव आयोग की चिंताओं को पूरी तरह से मान्यता दीहै ।"

जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने टिप्पणी करते हुए ADR के वकील को कहा कि, कई याचिका पब्लिक इंटरेस्ट में होती हैं कुछ पैसे के इंटरेस्ट में। आपको यह याचिका सही समय और उचित मांग के साथ फ़ाइल करनी चाहिए थी। सओपरेमे कोर्ट चुनाव के अंतिम चरण में याचिकाकर्ताओं को कोई अंतरिम रहत देने का इच्छुक नहीं था। यह याचिका फिलहाल लंबित है। गर्मियों की छुट्टियां समाप्त होने पर नियमित पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

चुनाव आयोग का स्टैंड :

आरोप लगाए गए थे कि, मनतदान के बाद वोटिंग परसेंट के आंकड़ों में अंतर सामने आया है। इसका जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि , ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। मतप्रतिशत के आंकड़ों में गड़बड़ी की बात भ्रामक है। मतदान के आंकड़ों के साथ कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती।

फॉर्म 17 सी :

बता दें कि, फॉर्म 17 सी में पोलिंग अधिकारी द्वारा मतदान के डाटा की एंट्री की जाती है। यह एंट्री मतदान समाप्त होने के बाद की जाती है। इसे पता चलता है कि, बूथ लेवल पर कितना मतदान हुआ। इस डेटा को ही सार्वजनिक करने के लिए याचिका लगाई गई थी। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेसी द्वारा जनहित याचिका लगाई गई थी। 

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