कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले राज्य में सियासी गतिविधियां बढ़ गई हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा के अभियान को धार देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह बंगाल दौरे पर हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे का आज दूसरा दिन है। बताया जा रहा है कि अमित शाह आज भारतीय जनता पार्टी के बंगाल इकाई के साथ संगठनात्मक बैठक करेंगे। अपने बंगाल दौरे के दूसरे दिन सबसे पहले अमित शाह ने आज सुबह दक्षिणेश्वर मंदिर में पूजा की। बता दें कि अमित शाह ने अपने बंगाल दौरे के पहले दिन कहा था कि ममता बनर्जी की सरकार के पतन की शुरुआत हो चुकी है।
-मैं कई बार दक्षिणेश्वर आए हूं और यहां से ऊर्जा प्राप्त कर वापस गया हूं।आज इस भूमि पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है इससे बंगाल की महान परंपरा आहत हुई है। मेरी मां काली से यही प्रार्थना है कि मोदी के नेतृत्व में ये देश फिर से एक बार दुनिया में गौरवमयी स्थान प्राप्त करे: गृह मंत्री
-अमित शाह ने कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर का दौरा कर पूजा की।
अमित शाह ने राज्य में कुल 294 सीटों में से पार्टी के लिए 200 सीटें जीतने तथा राज्य में सत्ता में आने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ भारी रोष को महसूस कर रहे हैं और इस सरकार के पतन की शुरुआत हो चुकी है। अमित शाह ने लोगों का आह्वान किया कि 'सोनार बांग्ला' के सपने को मूर्त रूप देने के लिए भाजपा को अगली सरकार बनाने का मौका दें।
अमित शाह वर्ष 2021 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुधवार रात को कोलकाता पहुंचे। उन्होंने रेखांकित किया कि पश्चिम बंगाल सीमावर्ती राज्य है और देश की सुरक्षा इससे जुड़ी हुई है। बांकुड़ा के एक दिवसीय दौरे पर आए शाह के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि बांकुड़ा आदिवासी और पिछड़े समुदाय की आबादी वाला जिला है और यह उन जिलों में शामिल है जहां पर भाजपा ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी गहरी पैठ बनाई। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी संगठन का जायजा लेने बांकुड़ा का दौरा करने वाले शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कठिन परिश्रम करने का संकल्प लेने का आह्वान किया ताकि इस लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
मीडिया को दूर रखते हुए बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश इकाई को बंगाल में सत्ता में आने के लिए तृणमूल कांग्रेस से कड़ा मुकाबला करना पड़ेगा। फिलहाल विधानसभा में भाजपा के आठ विधायक हैं। उसे (सत्तारूढ़) तृणमूल कांग्रेस के उन आठ विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है, जो 2019 के आम चुनाव के बाद उसके पाले में आ गये थे।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को केंद्र की जनोन्मुखी नीतियों और राज्य की ममता बनर्जी सरकार की जनविरोधी नीतियों की चर्चा करने को कहा। एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, 'उन्होंने हमें पश्चिम बंगाल के लोगों को यह बताने को कहा कि कैसे उन्हें उनके मतलब की केंद्रीय योजनाओं से वंचित किया जा रहा है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने उन्हें पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने दिया। हमें लोगों को राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कुशासन के बारे में बताने को कहा गया है।'