मप्र में 1 जनवरी से लागू होगी साइबर तहसील व्यवस्था , मुख्यमंत्री यादव ने लोकार्पण के लिए अमित शाह को किया आमंत्रित
भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में एक जनवरी से साइबर तहसील व्यवस्था लागू होने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस व्यवस्था के लोकार्पण के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर सौजन्य भेंट कर प्रदेश के विकास तथा जनकल्याण से संबंधित विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा की। इस दौरान उन्हें आगामी एक जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश में साइबर तहसील व्यवस्था लोकार्पित करने हेतु आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री से की मुलाकात
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार देर नई दिल्ली पहुंचे थे और शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री से भेंट की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रदेश की जनता को दी गई संकल्प-पत्र 23 की गारंटियों की पूर्ति के लिए सरकार संकल्पित है। इसी क्रम में एक जनवरी से पूरे प्रदेश में साइबर तहसील की अवधारणा लागू करने का निर्णय लिया है।
पारदर्शी तरीके से रजिस्ट्री
इस नई व्यवस्था में आधुनिक तकनीक के उपयोग से बिना आवेदन दिए पारदर्शी तरीके से रजिस्ट्री के 15 दिन के भीतर क्रेता के पक्ष में नामांतरण किया जाएगा और खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार किया जा सकेगा। प्रथम चरण में इस प्रक्रिया को केवल ऐसे अविवादित प्रकरणों में लागू किया जा रहा है, जहां विक्रय पूरे खसरे का है। इसके बाद इसे सभी प्रकार के अविवादित नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों में लागू किया जाएगा। साइबर तहसील के माध्यम से आनलाइन, पेपरलेस और फेसलेस प्रक्रिया से नामांतरण होने से शासन 'सुशासन से सुराज' की दिशा में आगे बढ़ेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने साइबर तहसील व्यवस्था लोकार्पित करने के अनुरोध को स्वीकार किया है।
दतिया में पहली साइबर तहसील -
प्रदेश में दतिया एवं सीहोर दो जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 27 मई, 2022 को साइबर तहसील शुरू की गई थी। इसके बाद छह अक्टूबर, 2022 को इंदौर, हरदा, डिंडौरी एवं सागर जिले में साइबर तहसील लागू की गई। फिर 10 अगस्त, 2023 को आगर मालवा, बैतूल, उमरिया, श्योपुर, विदिशा एवं ग्वालियर छह जिलों में प्रभावशील की गई। इस तरह डेढ़ साल में साइबर तहसील व्यवस्था 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू हो गई है। शेष जिलों में यह एक जनवरी से लागू की जाएगी। इस व्यवस्था के माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।