Mp News: मध्य प्रदेश पर कर्ज का बोझ, सीमा बढ़ाने के लिए केंद्र से अनुमति की दरकार

Update: 2025-01-16 16:23 GMT

मध्य प्रदेश सरकार 

Mp News: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में अधोसंरचना विकास को गति देने के उद्देश्य के साथ केंद्र सरकार से अधिक कर्ज लेने की अनुमति मांगी है। सरकार ने 16वें वित्त आयोग के समक्ष सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के अनुपात में कर्ज सीमा को तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत करने का आग्रह किया है।

वर्तमान में राज्य को जीएसडीपी के तीन प्रतिशत के अनुपात में कर्ज लेने की अनुमति है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान राज्य अब तक 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुका है, जिससे प्रदेश पर कुल कर्ज का आंकड़ा चार लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

अधोसंरचना विकास के लिए पूंजीगत व्यय बढ़ाने की तैयारी

मध्य प्रदेश सरकार ने अधोसंरचनात्मक परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह खर्च वर्तमान में 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जिसे अगले वित्तीय वर्ष में 65,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की योजना है।

सिंहस्थ और औद्योगिक विकास पर जोर

2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के मद्देनजर, सरकार ने उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में सड़क, पुल, फ्लायओवर और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण को प्राथमिकता दी है। इसके अलावा, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भी अधोसंरचना निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

कर्ज सीमा बढ़ाने का प्रयास

सरकार ने जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की मौजूदा कर्ज सीमा को बढ़ाकर चार प्रतिशत करने की अनुमति केंद्र से मांगी है। राज्य के बजट से इस बड़े खर्च की पूर्ति संभव नहीं होने के कारण अधिक कर्ज लेने की आवश्यकता है। हालांकि, पिछले वर्ष सरकार के इस आग्रह को केंद्र ने अस्वीकार कर दिया था।

मजबूत वित्तीय स्थिति का दावा

वित्त विभाग के अनुसार, राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत है और अब तक राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। सभी कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से लिए जा रहे हैं और इनका उपयोग केवल पूंजीगत कार्यों के लिए किया जा रहा है।

केंद्र की सहमति के बाद तेज़ होंगे विकास कार्य

अगर केंद्र सरकार इस बार राज्य की मांग को स्वीकार कर लेती है, तो अधिक धनराशि उपलब्ध हो सकेगी। इससे प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों को और गति दी जा सकेगी, जिससे अधोसंरचना का तेजी से विस्तार होगा।

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