मप्र में मिलावट खोरों को होगी उम्रकैद, खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को मिली मंजूरी

Update: 2020-12-29 13:20 GMT

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित हुई वर्चुअल बैठक में प्रदेश सरकार ने 12 अहम अध्यादेशों को मंजूरी दी।  जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, मप्र लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम सहित खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई है।  इस कानून के तहत मिलवट खोरों पर लगाम कसी जायेगी।  

मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम  संशोधन अध्यादेश की जानकारी देते हुए कहा की सरकार का मिलावटखोरी पर विशेष ध्यान है। प्रदेश में मिलावट खोरी रोकने के लिए खाद्य पदार्थों और दवाइयों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध भी अध्यादेश पारित किया गया है।जिसके तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में संशोधन कर आजीवन कारावास का प्रावधान किया है।

बता दें की कुछ समय पहले सरकार को सूचना मिली थी की प्रदेश में नकली कोरोना वैक्सीन बाजार में आ सकती है।  इसके बाद मुख्यमंत्री ने 22 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संशोधन किया था। पहले इस कानून में आरोपी के लिए 6 माह की सजा और 1 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान था।  अब संसोधन कर उम्रकैद की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।  

लोक सेवा प्रबंधन अधिनियम में संशोधन -

खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संसोधन के साथ ही लोक सेवा प्रबंधन अधिनियम संसोधन अध्यादेश को भी कैबिनेट की मंजूरी मिली है।  मुख्यमंत्री ने बताया की इस कानून के तहत अब यदि कोई सेवा निर्धारित समय में संबंधित अधिकारी द्वारा व्यक्ति को नहीं दी जाती है, तो वह कंप्यूटर द्वारा जनित होकर स्वत: पात्र को मिल जायेगी, अधिकारी की कोई आवश्यकता ही नहीं होगी।




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