भोपाल। प्रदेश में डिजिपी की एक चिट्ठी से हंगामा मचने के बीच प्रदेश की पूर्व सीएम और वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती ने डीजीपी विवेक जोहरी की तारिफ की है। उमा ने कहा पुलिस अफसर ऐसा ही होना चाहिए। उन्होंने कुछ अफसरों को लापरवाह और आलसी बताया। कहा- चापलूसी और राजनीतिक दलों के परिवर्तन के साथ पक्षपात से बचें।
उमा भर्ती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये। उन्होंने पहले ट्ववीट में लिखा .मध्य प्रदेश के डीजीपी श्री विवेक जौहरी का वह पत्र जो सार्वजनिक हुआ है उसमें जो तथ्य हैं वह एक सच्चाई है। श्री विवेक जौहरी जैसा ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, साहसी अधिकारी ही इस मुद्दे को उठाने की पात्रता रखता है।दूसरे ट्वीट में लिखा मेरे पास 1990 से शासन प्रदत्त सुरक्षा व्यवस्था रही है इसलिए मैं स्वयं इसकी साक्षी हूं कि सामान्य श्रेणी के पुलिसकर्मी एवं अधिकारी अपने कर्तव्य के प्रति जितने जागरूक एवं परिश्रमी होते हैं। उनकी तुलना में उच्च श्रेणी के पुलिस अधिकारी आलसी लापरवाह होने लग जाते हैं इसमें कुछ अपवाद भी होते हैं। जो उच्च पदों पर रह करके भी उतने ही सतर्क परिश्रमी रहते हैं जितने कि वह अपने सर्विस काल के आरंभ में थे विवेक जौहरी स्वयं इसके उदाहरण हैं।
उमा ने आगे लिखा अब इस मसले पर हमारे राज्य के गृह मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा एवं स्वयं विवेक जौहरी निर्णय लें एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को चापलूसी, राजनीतिक दलों के परिवर्तन के साथ पक्षपात एवं प्रमाद से बचें इससे राज्य की कानून-व्यवस्था बहुत दुरुस्त रहेगी। मैं विवेक जौहरी जी का पूर्ण समर्थन करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान और नरोत्म मिश्रा एवं विवेक जौहरी को आवाहन करती हूं कि मध्य प्रदेश को कानून-व्यवस्था के मसले में मॉडल स्टेट बनाकर दिखाएं।
दरअसल, इससे पहले रविवार को डीजीपी विवेक जौहरी का एक पत्र सामने जिसमें उन्होने लिखा था कि स्पेशल डीजी, एडीजी और आईजी रैंक के वरिष्ठ अधिकारी निर्धारित समय में अपनी शाखा में उपस्थित नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि कामचोर अफसरों के नाम उनको पता है लेकिन उन्होंने इस दस्तावेज में उन अधिकारियों का नाम नहीं लिखा है।डीजीपी जौहरी ने तैयार किये दस्तावेज पर कहा कि इस तरीके की कामचोरी करने से अधीनस्थ कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
1.मध्य प्रदेश के डीजीपी श्री विवेक जौहरी का वह पत्र जो सार्वजनिक हुआ है उसमें जो तथ्य हैं वह एक सच्चाई है। श्री विवेक जौहरी जैसा ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, साहसी अधिकारी ही इस मुद्दे को उठाने की पात्रता रखता है।
— Uma Bharti (@umasribharti) June 8, 2020