ग्वालियर : सभापति के लिए घमासान, कांग्रेस नेता सभी पार्षदों के साथ दतिया रवाना, नंबर गेम में भाजपा आगे
- दोनों दल परिषद में अपना सभापति बनाने की कवायद में जुटे
ग्वालियर/वेब डेस्क। शहर में नगर सरकार का गठन होने के बाद अब कांग्रेस और भाजपा दोनों दल परिषद में अपना सभापति बनाने की कवायद में जुटे हुए है। सभापति के लिए 5 अगस्त को वोटिंग होनी है। इससे पहले दोनों दलों को क्रास वोटिंग का डर सता रहा है। भाजपा के बाद अब कांग्रेस भी अपने पार्षदों को आज ग्वालियर से बाहर ले गई है।
जानकारी के अनुसार, आज दोपहर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपने सभी पार्षदों को लेकर वीडियो कोच बस से दतिया पीतांबरा पीठ के लिए रवाना हो गए है। बताया जा रहा है की उन्हें मंदिर में दर्शन के बाद ओरछा ले जाय जाएगा। जहां सभी के लिए एक रिसोर्ट बुक किया गया है। सभापति चुनाव तक सभी पार्षद इसी रिसोर्ट में रहेंगे। बताया जा रहा है की ये नेता 5 अगस्त की सुबह पार्षदों को लेकर ग्वालियर लौटेंगे। कांग्रेस नेता इसे टूट का डर नहीं बल्कि महज एक धार्मिक यात्रा बता रहे है। इससे पहले भाजपा नेता भी मंगलवार को अपने सभी 34 पार्षदों को लेकर दिल्ली पहुंच गए है।
नंबर गेम में भाजपा आगे
बता दें कि निकाय चुनाव में कांग्रेस ने 57 साल में पहली बार महपौर का चुनाव जीता है लेकिन वह परिषद में बहुमत हासिल नहीं कर सकी है। भाजपा के 34, कांग्रेस के 25, अन्य 6 और 1 बसपा पार्षद निर्वाचित हुए है। ऐसे में भाजपा का सभापति बनना तय माना जा रहा है। लेकिन कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना छह रही है। वर्तमान में भाजपा के साथ दो निर्दलीय पार्षद और जुड़ गए है। जिसके बाद बहजपा पार्षदों की संख्या 34 से बढ़कर 36 हो गई है। वहीँ कांग्रेस में भी तीन निर्दलीय पार्षद शामिल हो गए है। जिसके बाद उनके पार्षदों की संख्या बढ़कर 25 से 28 हो गई है। वहीँ बसपा पार्षद का फोन बंद जा रहा है, भाजपा नेताओं का दावा है की वह उनके संपर्क में है और सभापति चुनाव में भाजपा को समर्थन देगी