Gwalior : चुनाव ड्यूटी से मुक्त होने के लिए किए गए आवेदनों में 98 प्रतिशत झूठे

300 आवेदनों में से 98 प्रतिशत आवेदन झूठे निकल रहे हैं

Update: 2023-10-13 22:45 GMT

ग्वालियर। जिले की छह विधानसभाओं के लिए 17 नवम्बर को मतदान होना है। इसी के चलते चुनाव को लेकर प्रशासन की तरफ से लगातार तैयारियां की जा रही हैं। वहीं चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए लगभग साढ़े आठ हजार से अधिक कार्मियों की ड्यूटी चुनाव में लगाई गई है। लेकिन चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी जिला पंचायत कार्यालय में आवेदन कर रहे हैं। जिसमें से 98 प्रतिशत आवेदन झूठे निकल रहे हैं। दरअसल चुनाव ड्यूटी हटवाने के लिए जिला पंचायत कार्यालय में 300 से अधिक आवेदन पहुंच चुके हैं। उक्त आवेदनों में कोई बीमारी का हवाला दे रहा है, तो कोई बता रहा है कि घर में बेटी की शादी है, कोई घर में बुजुर्ग या बच्चे छोटे होने की दलील दे रहा है।

ऐसे में प्रशासन के सामने भी कौन सही है कौन गलत है, इसकी पहचान करना चुनौती बन गई है। वहीं जो लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं बता रहे हैं। उनकी जांच के लिए जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार के आदेश पर जिला अस्पताल मुरार में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। मेडिकल बोर्ड में चार से पांच चिकित्सक मौजूद हैं, जो व्यक्ति का परीक्षण करते हैं। व्यक्ति को कोई स्वास्थ संबंधित समस्या है या नहीं इसकी जांच की जाती है। व्यक्ति अगर चुनाव में स्वास्थ्य सबंधित समस्या के चलते अनफिट हैं तो उसे इसका प्रमाण पत्र बना कर दिया जाता है, जिसके बाद ड्यूटी काट दी जाती है। लेकिन 300 आवेदनों में से 98 प्रतिशत आवेदन झूठे निकल रहे हैं। यही कारण है कि अभी तक महज 30 से 35 कर्मचारियों के ही आवेदन स्वीकार करते हुए उन्हें ड्यूटी से मुक्त किया गया है।

चिकित्सकों को भी लगवा रहे फोन चुनाव ड्यूटी हटवाने के लिए कई कर्मचारियों तो मेडिकल बोर्ड में बैठने वाले चिकित्सकों पर दबाव बनाने के लिए नेताओं के यहां तक से फोन लगवा रहे हैं।

लेकिन प्रशासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर किसी कर्मचारी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो प्रमाण पत्र पर स्पष्ट लिखा जाए कि ड्यूटी कर सकते हैं या नहीं।

ऐसे में चिकित्सक भी यह कहते हुए मना कर रहे है कि जिलाधीश के निर्देश है, उन्ही से बात कर ली जाए।

वर्जन ड्यूटी से मुक्त होने के लिए जो आवेदन आ रहे हैं, उनकी जांच करने के बाद भी निर्णय लिया जा रहा है।

इन्होंने कहा - 

अगर कोई खुद को अस्वस्थ्य बता रहा है तो उसकी जांच मेडिकल बोर्ड में कराई जा रही है।

विवेक कुमार सीईओ जिला पंचायत

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