जयारोग्य की तरह एक हजार बिस्तर के अस्पताल में भी बनाया कचरे का ठिया

खुले में फेंक रहे बायोमेडिकल बेस्ट, संक्रमण का खतरा;

Update: 2023-03-31 00:30 GMT

ग्वालियर, न.सं.। जयारोग्य चिकित्सालय परिसर में गैरिज के सामने लम्बे समय से कचरे का ठिया जिम्मेदारों के लिए सिर दर्द बना हुआ है। वहीं अब जयारोग्य की तरह ही एक हजार बिस्तर के अस्पताल में भी कचरे का ठिया बना दिया गया है, जहां सामान्य कचरे के साथ खुले में बायोमेडिकल बेस्ट को फेंका जा रहा है।

दरअसल बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए जयारोग्य परिसर में इंसीनेटर स्थापित किया गया था। वर्तमान में यह इंसीनेटर बिलौआ के पास शिफ्ट कर दिया गया है। सभी अस्पतालों को इंसीनेटर संचालक से अनुबंध करके बायोमेडिकल वेस्ट को वहीं पहुंचाना है। इसके लिए इंसीनेटर संचालक वाहनों का भी संचालन करता है, यह वाहन अस्पतालों तक पहुंचकर कचरा कलेक्शन करता है। इसके बाद भी जयारोग्य के साथ ही अब एक हजार बिस्तर के अस्पताल में बने ऑटोक्लेब कक्ष के पीछे खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है। जिसको लेकर अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी भी अच्छे खासे परेशान हैं। क्योंकि जिम्मेदारों द्वारा खुले में कचरे को फेंकने को लेकर कई बार यूडीएस कम्पनी पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है, लेकिन यूडीएस के कर्मचारी अपनी हरकतों से बाज ही नहीं आ रहे। जबकि चिकित्सक खुद मानते हैं कि अस्पताल में निकलने वाली पट्टियां, खराब खून, सीरिंज, इंजेक्शन तथा अन्य सामग्री लोगों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। खुले में रखी बायोवेस्ट का समय पर निस्तारण नहीं किए जाने पर इसमें से दुर्गंध आने लगती है तथा इसके संक्रमण से बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ जाती है।

स्वास्थ्य के लिए होता है हानीकारक

अस्पताल से निकलने वाली पट्टियां, सीरिंज, खाली बोतल, टिश्यू आदि बायोमेडिकल बेस्ट को खुले में फेंकने से लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी हानीकारक होता है। इसके बावजूद अस्पताल में इसका पालन नहीं हो पा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि अस्पताल परिसर में खुले में बिखरे बायो वेस्ट कचरे के ढेर में आवारा मवेशियों का भी जमावड़ा लगा रहता है। जो ढेर में मुंह मारते हुए कचरा इधर-उधर फैला देते हैं। 

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