शिवरात्री से पहले बनकर तैयार हो जाएगा अचलेश्वर मंदिर का गर्भ ग्रह

मंदिर के बाहर लगेंगे 50 स्टॉल, देना होगा सफाई शुल्क

Update: 2024-02-17 00:15 GMT

ग्वालियर।   भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए खुशखबरी यह है कि भगवान शिव की पूजा के लिए शिवरात्री से पहले श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर का गर्भ ग्रह चौड़ा होकर तैयार हो जाएगा। पिलरों की छटाईं करके गर्भ ग्रह को चोड़ा भी किया जा रहा है जिससे इसमें अधिक से अधिक भक्त आ सकें। शिवरात्री तक मंदिर का 95 प्रतिशत काम पूरा हो जाएगा। शेष फिनीशिंग का काम शिवरात्री के बाद होगा। मतलब यह कि भगवान के भक्त शिवरात्री पर नए गर्भ ग्रह में पूजा अर्चना कर सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में 3.11 करोड़ रुपए की लागत से इस मंदिर निर्माण की शुरूआत हुई थी। कई अड़चनों के कारण मंदिर निर्माण को विलंब होता गया और आज छह वर्ष के बाद मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने जा रहा है। निर्माणकर्ता एजेंसी संचालक जगदीश मित्तल का कहना है कि शिवरात्री से पहले मकराना मारबल लगने सहित काम पूरे कर दिए जाएंगे ताकि भक्तों को पूजा आदि करने में कोई परेशानी नहीं आए। रही बात पत्थर फिनीशिंग तो वह शिवरात्री के बाद में होगी। जानकारी के अनुसार 3.11 करोड़ में से 2.98 करोड़ रुपए मंदिर प्रबंधन द्वारा निर्माणकर्ता एजेंसी को दे दिए हैं अब मात्र 13 लाख रुपए और जीएसटी के 45 लाख रुपए देना है।

पिलर के कारण स्थान हुआ कम:-

मंदिर निर्माण में जो पिलर लगे हुए हैं वे काफी मोटे-मोटे हैं। इस कारण इस कारण गर्भ ग्रह छोटा हो गया और भक्तों को बैठने की जगह कम रह गई। भीड़ अधिक होने पर पूजा पाठ में दिक्कत आ रही है। शिवरात्री पर यह परेशानी ओर अधिक ना बढ़ इस दृष्टि से पिलरों की छटाईं करके गर्भ ग्रह को चौड़ा किया जा रहा है।

लाइटिंग के होंगे टेंडर:-

न्यास अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायमूर्ति एनके मोदी ने बताया कि शिवरात्री पर मंदिर के बाहर 50 स्टॉल लगाए जाएंगे जहां से प्रसाद आदि का वितरण होगा। स्टॉल लगाने का खर्चा स्टॉल लगाने वालों को ही देना होगा। साथ ही सफाई की दृष्टि से स्टॉल संचालकों को शुल्क भी देना होगा जिसका निर्धारण शीघ्र ही होगा। इसके साथ ही स्टॉलों में लगने वाली लाइट के टेंडर आदि भी होंगे। इसी के आधार पर विद्युत आपूर्ति की जाएगी। शिवरात्री महापर्व को लेकर शीघ्र ही एक बैठक होगी जिसमें कई विषयों पर निर्णय लिए जाएंगे।

चार द्वारों से होगा आगम और निर्गम:-

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर में आगम और निर्गम के लिए चार द्वार बनाए गए हैं। शिवरात्रि के दिन दो-दो द्वारा से महिला-पुरूषों का आगम और निर्गम होगा। भक्तों का प्रवेश ललितपुर कॉलोनी और नंदी द्वार से होगा। ऐसे लोग जो मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं उनके लिए मंदिर के बाहर जल पात्र लगाए जाएंगे। हर स्टॉल संचालक को अपने स्टॉल के बाहर डस्टबिन भी रखना होगा। 

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