अक्षया यादव हत्याकांड के आरोपी फरार,मुख्य गवाह का जीवन बना नरकीय, पहरे में सांसे लेने पर मजबूर
आरोपी के पकड़े नहीं जाने से परिवार चिंतित
ग्वालियर.। अक्षया यादव हत्याकांड केे नाबालिग आरोपियों के बाल सुधार गृह से फरार होने के हत्याकांड की मुख्य गवाह छात्रा और उसके परिवार का जीवन नरक बनकर रह गया है। अक्षया की हत्या के बाद से ही छात्रा खौफ में है और हत्या के नाबालिग आरोपियों के फरार होने से परिवार एक बार फिर भयभीत है। गवाह के घर पर पहरा लगा दिया है और अब छात्रा पुलिस पहरे में सांसे लेने पर मजबूर है। तीन दिन बाद भी आरोपियों को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस मुरैना के अलावा उनके छिपने के ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है।
सिकंदर कम्पू पानी की टंकी के पास रहने वाली अक्षया यादव की सुमित रावत उसकेे भाई राहुल उर्फ बाला सुर्वे, पृथ्वीराज उर्फ राज चौहान और उसके साथियों ने 09 जुलाई 23 को गोली मारकर हत्या कर दी थी। उक्त मामले में मृतका की सहेली सोनाक्षी शर्मा मुख्य गवाह है। इन दिनों अक्षया यादव की हत्या की तीन नाबालिग आरोपी थाटीपुर स्थित बाल सुधार गृह में सजा काट रहे थे लेकिन तीनों आरोपी अपने अन्य तीन साथियों के साथ 25 जनवरी को वहां से भाग गए थे जिस कारण गवाह छात्रा और उसका परिवार सदमे में हैं। पहले से ही छात्रा अपने घर में कैद हो गई थी और हत्या के आरोपियों के भय के कारण घर से नहीं निकल रही थी। डेढ़ वर्ष के अंतराल में कभी भी परिाजनों ने छात्रा को अकेला छोडऩे का दुस्साहस नहीं किया है। जिस कारण उसका और परिवार का जीवन नरकीय बन गया है। अब छात्रा और उसका परिवार नाबालिग आरोपियों के भागने से भयभीत हो गया है। क्योंकि हत्यारे लगातार राजीनामा करने और गवाही पलटने की धमकी दे रहे थे। गवाह बनी छात्रा अब पुलिस पहरे में सांसे लेने को मजबूर है। चिंता इस बात की भी है कि बाल सुधार गृह से भागने वाले हत्यारोपियों को तीन दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लग सका है। पुलिस आरोपियों को पकडऩे के लिए लगातार दबिश दे रही है लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग सका है।
एक जवान के सहारे हमारी सुरक्षा
बारह बीघा सिकंदर कम्पू में रहने वाली छात्रा की मां करुणा शर्मा का कहना है कि हमारे साथ अब कुछ भी हो सकता है। एक आरक्षक के सहारे हमारे परिवार की सुरक्षा का जिम्मा है जबकि हमें लगातार अक्षया की हत्या के बाद भी धमकियां मिल रही थीं। हत्यारे जब बाल सुधार गृह से भाग चुके हैं तो हमारे साथ कोई भी घटना घटित हो सकती है। क्योंकि हत्यारे दबंग है और जो जेल में बैठकर बाल सुधार गृह से भागने का ताना बाना बुन सकता है वह क्या नहीं कर सकता। पुलिस प्रशासन कतई गंभीर नहीं है। अब चौबीस घंटे डर डर के रहने को मजबूर हैं। पहले से ही बेटी की सुरक्षा को लेकर सांसे अटकी रहती थी अब चिंताएं और बढ़ गई हैं।
बाल सुधार गृह अभी भी टीकाराम के सहारे
बाल सुधार गृह से हत्या और अन्य अपराध के नाबालिग आरोपियों के भागने के बाद भी पुलिस प्रशासन सक्रिय नहीं हुआ। शनिवार को होमगार्ड का जवान टीकाराम और उसका साथी तैनात था। टीकाराम का कहना है कि हम तो गेट पर तैनात रहते हैं। आरोपियों के पास खाना बनाने वाला ही मौजूद रहता है। बाल सुधार गृह के मुख्या दरवाजे से लगी दीवार से कोई भी अंदर बाहर आ जा सकता है। दीवार पर चढऩे के लिए एक हौदी सी बनी हुई है। बदमाश इसी के सहारे चढक़र भागे थे। टीकाराम और उनके साथी ने सुरक्षा की दृष्टि से दिन में ही गेट पर ताला डाल दिया था लेकिन आने जाने वालों के कारण वह परेशान हो रहे थे।
यह था घटनाक्रम
09 जुलाई को पूर्व डीजीपी सुरेन्द्र यादव की नातिन अक्षया यादव और सोनाक्षी शर्मा कोचिंग से पढक़र अपने घर एक्टिवा से लौट रही थीं। अभी वह बेटी बचाओ चौराहा मस्कट चिकित्सालय के पास पहुंची ही थीं तभी मोटर साइकिल से सुमित रावत, विशाल शाक्य और बाला सुर्वे उर्फ उपदेश आए और छात्रा को निशाना बनाकर गोली मार दी थी। गोली सोनाक्षी को मारी थी लेकिन अक्षया को लग गई। अक्षया की मौके पर ही मौत हो गई थी। हत्यारे मौके से फरार हो गए थे। अक्षया यादव की हत्या में आधा दर्जन से ज्यादा आरोपी बनाए गए जो केन्द्रीय जेल के अलावा बाल सुधार गृह में सजा काट रहे थे। अब नाबालिग सभी आरोपी फरार हो गए हैंं।
प्राथमिकी नहीं हुई
थाटीपुर थाना प्रभारी सुरेन्द्रनाथ सिंह यादव का कहना है कि नाबालिग हत्या के आरोपियों के बाल सुधार गृह से भागने के मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। कोई प्रावधान नहीं है इसलिए प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। पुलिस आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है।
आईजी एसपी को आवेदन देकर सुरक्षा की लगाई गुहार
करुणा शर्मा ने अपने परिजनों के साथ पुलिस महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल को परिवार की सुरक्षा को लेकर आवेदन दिया। करुणा शर्मा ने आवेदन में पीड़ा बताई है कि वह जेल अधीक्षक से भी मिली थी। अक्षया यादव की हत्या के आरोपी सुमित रावत बाला सुर्वे उपदेश रावत और राज चौहान द्वारा जेल में बाहर से फोन किए जा रहे थे जिसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीु की गई। परिवार की सुरक्षा के लिए शस्त्र लायसेंस के लिए आवेदन दिए हैं लेकिन कोई प्रक्रिया ही नहीं की। करुणा शर्मा का कहना है कि उसके परिवार के साथ कोई भी अप्रिय घटना होती तो उसकी जबावदारी प्रशासन की होगी।