झांसी से आई अमर शहीद ज्योति वीरांगना लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर स्थापित

चीन की सीमा पर शहीद हुए भारत के जवानों को आज दी जाएगी श्रद्धांजलि

Update: 2020-06-18 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। झांसी के किले से लाई गई अमर शहीद ज्योति को वीरांगना लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर स्थापित करने के साथ बुधवार को वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेला का शुभारंभ हो गया। हालांकि इस बार कोरोना वायरस के कारण हर वर्ष आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। इस बार यह मेला राज्य शासन की गाइड-लाइन के तहत ही आयोजित किया जा रहा है। जिसके तहत कोई भी बड़ा मंचीय कार्यक्रम नहीं होगा।

झांसी से आई ज्योति यात्रा की शहरवासियों ने सामाजिक दूरी का पालन कर अगवानी कर स्वागत किया। यह यात्रा महारानी के समाधि स्थल पर शाम शाम बजे पहुंची। यहां पर बलिदान मेला के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने ज्योति को स्थापित कर नमन किया। ज्योति यात्रा में तीन घुड़सवार आगे चल रहे थे व युवा 1857 के शहीदों को भूलो मत तथा वंदेमातरम के नारे लगा रहे थे। शहीद ज्योति स्थापित करने के बाद नागरिकों ने समाधि स्थल पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए दीपदान किया। साथ ही चीन की सीमा पर शहीद हुए भारत के जवानों की शहादत पर दीप जलाए। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, डॉ. हरिमोहन पुरोहित, कनवर मंगलानी, दीपक शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

आज सुबह बैठेंगे श्रद्धांजलि उपवास पर

गुरुवार की सुबह 7:55 बजे पुष्पांजलि करने के पश्चात् बलिदान मेला के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया 20 प्रतिष्ठित नागरिकों के साथ प्रात: 8 से 12 बजे तक वीरांगना को भाव सुमन अर्पित करने श्रद्धांजलि उपवास पर बैठेंगे। साथ ही चीन सीमा पर शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। सायं ठीक 8 बजे सांस्कृतिक झांकियों के साथ देश के नामचिन्ह ओज कवि विनीत चौहान फेसबुक पर लाइव काव्यपाठ करेंगे। इस मौके पर 20 वर्षों से आयोजित होने वाले ऐतिहासिक समारोह पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया जाएगा।

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