ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे अमर सिंह चौधरी स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के बेहद नजदीकी हुआ थे और श्री सिंधिया ने ही उन्हें वर्ष 1993 में अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधि बनवाया था। तब वे ग्वालियर-चंबल संभाग में दौरा किया करते थे और कांग्रेस में उनकी तूती बोला करती थी। इतना ही नहीं वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में कई टिकट उनकी सहमति से ही दिए गए थे।
उल्लेखनीय है कि स्व. सिंधिया से अमर सिंह के नजदीकी संबंध होने के कारण ग्वालियर की कांग्रेस की राजनीति में उनका अच्छा खासा दखल हो गया था। जिससे उस समय महेंद्र सिंह कालूखेड़ा एवं बालेंदु शुक्ल के गुट कमजोर पड़ गए थे। क्योंकि टिकट वितरण से लेकर बड़ी नियुक्तियों में अमर सिंह हावी होने लगे थे। उनके दिल्ली स्थित निवास पर ग्वालियर-चंबल संभाग के कांग्रेस नेताओं की भीड़ लगने लगी थी। वर्ष 1993 के चुनाव में केपी सिंह, रामवरन सिंह गुर्जर, सोबरन सिंह मावई, बनवारीलाल शर्मा आदि के टिकट उनकी सहमति से ही सिंधिया ने दिए थे। यद्यपि बाद में वह समाजवादी पार्टी में चले गए और फिर महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य बने। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक रामवरन सिंह गुर्जर कहते हैं कि वर्ष 1993 में उन्हें श्री सिंधिया ने टिकट दिया था। तब उनके चुनाव की पूरी कमान अमर सिंह चौधरी ने ही संभाली थी। वे ग्वालियर-चंबल अंचल में दौरे किया करते थे। क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह राठौर ने बताया कि अमर सिंह चौधरी बेहद तेजतर्रार नेता थे। स्व. सिंधिया की बदौलत ही वे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रतिनिधि बनकर ग्वालियर-चंबल संभाग के प्रभारी बने थे। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी छोडऩे के बाद वर्ष 2013 में वह ग्वालियर आए थे और उनके निवेदन पर कनक गार्डन गोला का मंदिर पर आयोजित क्षत्रिय महासभा के सम्मेलन में शामिल हुए थे।