अभिभाषक संघ के चुनाव: आज उपाध्यक्ष, सह सचिव और कार्यकारिणी की होगी मतगणना
रात 3 बजे मिल सका नवनिर्वाचित सचिव गोयल को प्रमाण पत्र
ग्वालियर,न.सं.। मप्र उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ के चुनाव में गुरुवार को देर रात तक चली मतगणना के बाद तीन पदों के परिणाम रात 2 बजे के बाद घोषित किए गए । वहीं सचिव पद के एक प्रत्याशी और समर्थकों द्वारा विवाद खड़ा किए जाने के कारण विजयी प्रत्याशी महेश गोयल को अर्ध रात्रि 3 बजे जाकर जीत का प्रमाण पत्र दिया जा सका। अर्ध रात्रि तक चली कार्यवाही के कारण शुक्रवार को मतगणना का काम नहीं हो सका। अब शनिवार 22 अप्रैल को सुबह 9 बजे से दो उपाध्यक्ष, दो सह सचिव और 9 कार्यकारिणी सदस्य पदों की मतगणना की जाएगी। उल्लेखनीय की गुरुवार को मतदान में कुल 4476 मतदाताओं में से 3623 सदस्यों ने हिस्सा लिया।तत्पश्चात सायं 7 बजे के बाद मतगणना शुरू हुई। चूंकि पिछली बार की अपेक्षा इस बार अधिक मतदाता थे इसलिए मतपत्रों की छटाई ही रात 11 हो सकी। यही कारण रहा कि परिणाम अर्धरात्रि में घोषित हो सके। मुख्य चुनाव अधिकारी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि शनिवार को सुबह 9 बजे से चार पदाधिकारी और 9 कार्यकारिणी सदस्य पदों के लिए मतगणना का काम शुरू होगा।
यह रहे परिणाम
अध्यक्ष:पवन पाठक 1482, जितेंद्र शर्मा 1265, जागेश्वर भदोरिया 659, अनिल लिमये 109, योगेंद्र वर्मा 96।
पवन पाठक 217 मतों से विजयी।
सचिव: महेश गोयल 858, नीरज भार्गव 733, श्याम सिंह तोमर 530, रागिनी मिश्रा 256, देवेंद्र चौबे 338, कुलदीप सिंह 611, अजय किटकिरिया 49, भगवानदास माहौर 196।
महेश गोयल 117 मतों से विजयी
कोषाध्यक्ष: योगेश सिंघल 1469, अंकुर तिवारी 1095, शिवेंद्र कुशवाहा 508, सुरेंद्र पाल गुर्जर 520।
योगेश सिंघल 374 मतों से विजयी
मास्टर ऑफ लाइब्रेरी:
मनीष शर्मा 1310, अजय सिकरवार 1151, श्याम किशोर मिश्रा 426, कुशल शर्मा 635।
मनीष शर्मा 159 मतों से विजयी
अभिभाषकों के हितों के लिए करेंगे कार्य
नवनिर्वाचित अध्यक्ष पवन पाठक एवं सचिव महेश गोयल ने अपनी जीत के बाद कहा कि सभी पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य मिलकर अभिभाषकों के हितों के लिए कार्य करेंगे श्री पाठक ने कहा कि नए भवन में जिला एवं सत्र न्यायालय पहुंचने के बाद प्रत्येक अभिभाषक को एक टेबल और एक कुर्सी उपलब्ध कराने के साथ ही सदस्यता शुल्क कम किया जाएगा। कनिष्ठ अभिभाषकों को प्रोत्साहन के लिए पुस्तक आदि प्रदान की जाएंगी। जहां तक अधिवक्ता परिषद द्वारा कार्य से विरत रहने पर अवमानना प्रकरण की बात है तो यह विषय स्टेट बार का है फिर भी यदि हम तक बात रही तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे। वहीं महेश गोयल ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या अभिभाषकों के बैठने की है। इसके लिए उचित व्यवस्था के साथ यह भी देखा जाएगा कि कनिष्ठ अभिभाषकों को क्या-क्या परेशानियां हैं। आगे हम कार्यकारिणी की बैठक में और भी निर्णय लेंगे। मतों की गिनती के दौरान विवाद पर उन्होंने कहा कि वह मामला उसी समय निपट गया इसलिए इसकी शिकायत नहीं की गई।