नियमित रूप से दें ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों की जानकारी
-जिलाधीश ने बैठक में निजी अस्पताल संचालकों को दिए निर्देश
ग्वालियर/वेब डेस्क। ब्लैक फंगस के लक्षण वाले मरीजों की जानकारी हर दिन नियमित रूप से पोर्टल पर अपलोड की जाए। साथ ही इसकी जानकारी डब्ल्यूएचओ के अधिकारी डॉ. राजावत एवं डीपीएम को अनिवार्यत: दें। निजी अस्पतालों के संचालक स्वयं मॉनीटरिंग कर दिन में चार बार सार्थक पोर्टल पर यह जानकारी अपडेट कराएं। यह निर्देश जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने मंगलवार को निजी अस्पताल संचालकों की बैठक में दिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि शासकीय अस्पतालों सहित कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत सभी निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस से प्रभावित मरीजों के बेहतर से बेहतर इलाज की व्यवस्था की जाए। मरीजों का इलाज निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत हो। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई नहीं होना चाहिए। इसके अलावा जिलाधीश ने निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन का सदुपयोग करने और उसका पूरा हिसाब रखने की बात भी कही। साथ ही कहा कि कोरोना की अगली संभावित लहर को ध्यान में रखकर अभी से सतर्कता बरतें और जिन अस्पतालों में 50 से अधिक बिस्तर हैं, वहां ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का काम जल्द से जल्द किया जाए। जिलाधीश ने अस्पतालों में अन्य बीमारियों के इलाज के लिए कोविड गाइड-लाइन का ध्यान रखकर अलग से ओपीडी संचालित करने के निर्देश भी बैठक में दिए। बैठक में अपर कलेक्टर आशीष तिवारी, डब्ल्यूएचओ के अधिकारी डॉ. राजावत एवं मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
छुट्टी करने में न की जाए देरी
जिलाधीश ने यह भी कहा कि लगातार शिकातयें आ रहीं है कि कोरोना संक्रमित मरीज के ठीक होने पर भी निजी अस्पताल संचालक बिल बढ़ाने के लिए उनकी छुट्टी नहीं करते। इसलिए उन्होंने कहा कि जिन मरीजों की सेहत ठीक हो जाए तो उनकी छुट्टी करने में देरी न की जाए। जिससे मरीजों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ न उठाना पड़े।
आयुष्मान के मरीजों को दें बेहतर उपचार
निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों से भी पैसे जमा कराए जाने को लेकर जिलाधीश श्री सिंह ने कहा कि निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज में दिक्कत नहीं आना चाहिए अन्यथा संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने सभी निजी अस्पतालों में यह प्रदर्शित कराने के लिए भी कहा कि इस अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज भी शासन के प्रावधानों के तहत किया जाता है। इसी तरह अस्पताल में इलाज की दरें भी ऐसे स्थान पर प्रदर्शित की जाएं, जिसे सभी लोग आसानी से देख सकें।