ग्वालियर में कुएं में गिरकर नाबालिग की मौत, आखिर जिम्मेदार कौन ?
प्रशासन के निर्देश के बाद भी निगम ने नहीं दी कार्रवाई की जानकारी
ग्वालियर/सिटी रिपोर्टर। बीते रोज शहर के जनक गंज क्षेत्र में कुएं में गिरकर हुई एक 13 साल के बच्चे की मौत के बाद से जहां मृतक के परिवार में मातम पसरा हुआ है, वहीं इस बच्चे की मौत के जिम्मेदार अपना बचाव करने में लगे है। पिछले दिनों इंदौर में हुए बाबड़ी हादसे के बाद शहर में जिला प्रशासन द्वारा कुए तथा बाबड़ी का सर्वे कराया गया था। शहर में जिस स्थान पर यह हादसा हुआ है, प्रशासन को इसकी रिपोर्ट भी सौंपी गई थी लेकिन इसके बाद भी प्रशासन नहीं चेता और कुएं की सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए। इस लापरवाही का अंजाम यह हुआ कि एक मासूम बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद प्रशासन औपचारिकता दिखाते हुए घटनास्थल वाले कुएं का पानी का सैंपल लिया और उसको पाटिए डालकर बंद करा दिया गया। लेकिन प्रशासन की इस लापरवाही से एक घर का चिराग बुझ गया और अब इसे हादसा माना जा रहा है।
7 मई 2022 में मिली थी बाबा की लाश
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि यह कोई पहला हादसा नहीं है, इससे पहले भी चार बार हादसे हो चुके है। वर्ष 2022 7 मई को भी इस कुएं में एक बाबा की लाश मिली थी। लोगों का कहना है कि इस परिसर में असामाजिक तत्व यहां पर आकर बैठते है। यह जमीन सरकारी है और यहां पर लोग कब्जा करना चाहते है।
5 अप्रेल को जनकगंज थाने ने दी थी जानकारी
इंदौर की घटना के बाद जनकगंज थाने के सिपाही ने प्रशासन को सूचना दी थी कि यह कुआ खुला हुआ है, इस पर जाली डाली जाए। नहीं तो इंदौर जैसा हादसा हो सकता है और बीते रोज यहीं हुआ। जनकगंज के संजय नगर मूलाजी की खोह में भिंड के बरासों से 13 साल का प्रेम बुआ की बेटी (फुफेरी बहन) की लगुन लेकर आया परिवार के साथ आया था। लगुन संजय नगर निवासी कामता प्रसाद के बेटे धर्मेंद्र की थी। खुले कुएं के चबूतरे पर मेहमानों के लिए लडक़े वालों ने गद्दे बिछवाए थे, जिस पर नाबालिग खेल रहा था। खेलते समय उसका पैर फिसला और वह कुएं में जा गिरा।
सर्वे टीम को यह मिली खामियां
- -शहर में 47 बावड़ी हंै इनमें से किसी भी बावड़ी के पास अब तक बोर्ड नहीं लगाया गया है।
- -शहर की लगभग सभी बावड़ी पर लोगों ने बिना अनुमति के घर, दुकान व मंदिर बना लिए हैं।
- -सर्वे की टीम ने अभी तक 66 वार्डो का सर्वे नहीं किया है।
शासकीय कुआं-बावड़ी
कुआं बावड़ी
पानी है 193 10
कचरा भरा है 268 13
सूख चूकी है 360 24
प्राइवेट कुआं-बावड़ी
कुआं बावड़ी
पानी है 253 02
कचरा भरा है 309 02
सूख चूकी है 663 01
कई बार दिए आवेदन नहीं हुई कोई कार्रवाई
जती की लाइन स्थित सेनापति अनुमान मंदिर परिसर में करीब 300 वर्ष पूरानी बावड़ी बनी हुई है। लेकिन बावड़ी की ईंटें जर्जर होकर टूट रही हैं और चारों तरफ घास-फूंस व बड़े-बड़े पेड़ खड़े हैं। इतना नहीं बावड़ी के आस-पास मंदिर होने के साथ ही कई लोग निवास भी करते हैं। लेकिन बावड़ी को सुरक्षित करने के लिए आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। मंदिर के पुजारी का कहना है कि बावड़ी को सुरक्षित करने के लिए कई बार नगर निगम को आवेदन दिए गए, उसके बाद भी अधिकारी किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठे हुए हैं।
दस वर्ष से अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान
बिरला नगर लाइन नम्बर 1 में फक्कड़ बाबा आश्रम पर करीब 250 वर्ष पूरानी ज्ञान केन्द्र बावड़ी बनी हुई है। बावड़ी से आस-पास के क्षेत्र का जल स्तर बेहतर रहता था। लेकिन इतनी पुरानी बावड़ी पर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि दस वर्ष पूर्व तक बावड़ी में पानी था और इसकी सफाई भी करवाई जाती थी, लेकिन अब बावड़ी पर किसी का ध्यान नहीं है। जबकि इसका समय रहते संरक्षण किया जाए तो गर्मी के मौसम में होने वाली पेयजल किल्लत से कुछ हद तक निजात मिल सकती है।
आदेश जारी कर की खानपूर्ति
जिले में असुरक्षित खुले बोरबेल, कुएं, बावडिय़ों को सुरक्षित करने के लिए जिलाधीश अक्षय कुमार सिंह द्वारा तमाम बैठके लेकर संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश कई बार दिए गए। इस पर संबंधित अधिकारियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वे करा कर बोरबेल, कुएं, बावडिय़ों को सुरक्षित करने के लिए नगर निगम व जनपद पंचायत के सीईओ को दिशा निर्देश भी जारी किए। लेकिन निर्देश जारी करने के बाद अधिकारियों ने असुरक्षित खुले बोरबेल, कुएं, बावडिय़ों को लेकर की गई कार्रवाई की हकीकत जानने की कोशिश नहीं की। लेकिन अब बच्चे के मृत्यु के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की फिर से नींद टूटी और असुरक्षित खुले बोरबेल, कुएं, बावडिय़ों को लेकर की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन मांगा जा रहा है।
कुएं को स्थाई रूप से बंद किए जाने के लिए पूर्व में भी आदेश जारी किए थे। लेकिन नगर निगम द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए अब संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विनोद सिंह
एसडीएम, लश्कर
सर्वे का काम पूरा हो गया है, उसकी रिपोर्ट भी आ गई है। मैं संबंधित अधिकारियों से चर्चा करूंगा।
हर्ष सिंह
निगमायुक्त