कंपनी की शर्ट 300 और जींस 500 रुपए में.....
कोरोना काल में नहीं बिका माल अब बेच रहे हैं फुटपाथ पर
ग्वालियर, न.सं.। कोरोना काल ने देश के व्यापार को बुरी तरह झझकोर के रख दिया था। कई महीनों तक शहर की दुकानें, शोरूम और मॉल ही नहीं खुले थे। हालत यह हो गई थी कि शोरूमों में दीमक लगना शुरू हो गई थी। दुकानों में रखा गर्मियों का माल बिका ही नहीं और जस का तस रखा रह गया। अब सर्दी का सीजन आने को है, इसलिए शोरूम संचालक व दुकानदार अपनी दुकान में रखे माल को सस्ते दामों पर फुटपाथ पर टेबल लगाकर बेच रहे हैं। यहां अच्छी से अच्छी कंपनियों की शर्ट 300 और पेंट 500 रुपए में बिक रहा है।
दीपावली का त्यौहार नजदीक आ रहा है। इस दिन अधिकतर लोग नए कपड़े ही पहनते हैं। अगर यही ब्राण्डेड (कंपनी) कपड़े सस्ते दामों पर मिले तो क्या बात है। नई सडक़ स्थित शोरूम और दुकान संचालकों ने अपने यहां रखा गर्मियों का माल खत्म करने के लिए दुकान के बाहर फुटपाथ पर सेल लगाना शुरू कर दिया है। इस सेल में लोगों को सस्ते दामों पर कपड़े बेचे जा रहे हैं। त्यौहारी सीजन होने के कारण यहां दिनभर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। लोग अपनी पसंद के अनुसार कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं। जैसे-जैसे त्यौहार नजदीक आता आता जा रहा है वैसे-वैसे यहां भीड़ बढ़ती जा रही है।
शोरूम में जाने से कतराते हैं लोग:-
शोरूम में जाकर खरीदारी करना निम्न व मध्यम वर्ग के लिए संभव नहीं है। लोग शोरूम में जाकर खरीदारी करने से डरते हैं। इन लोगों को भय होता है कि शोरूम में बिकने वाला कपड़ा बहुत महंगा होता है। वाकई में यह बात सही भी है कि क्योंकि शोरूम संचालक कई प्रकार के खर्चे जोडक़र बेचते हैं जिससे यह कपड़े लोगों को महंगे पड़ते हैं। इसलिए नहीं खरीदते हैं। मगर लोगों के लिए खुशखबरी यह है कि कोरोना के कारण शोरूम के यही कपड़े फुटपाथ पर सस्ते दामों पर बिक रहे हैं। कपड़े बेचने का काम बड़े-बड़े शोरूम संचालक तक कर रहे हैं।
सस्ते दामों पर बिकने वाले कपड़े:-
कपड़े कंपनी के दाम सेल के दाम
शर्ट 800 से 900 300
टी-शर्ट 500 200
जींस 1200 500
पेंट 1400 600
पायजामा 400 150
हाफनेकर 300 150
(नोट:- दुकानदारों द्वारा बताए गए दाम रुपए में)
इनका कहना है:-
'यह कोरोना काल के दौरान गर्मियों का बचा हुआ माल है। अब सस्ते दामों पर बेचकर इसे खत्म करना है। इसलिए बाहर सेल लगाकर जल्द माल बेच रहे हैं।'
राहुल शर्मा,व्यापारी
'हमारे पास लॉट में माल आता है। जो माल बच जाता है उसे सस्ते दामों पर बेच देते हैं। दीपावली पर इस माल की बिक्री अधिक होती है।'
विजय गुप्ता,व्यापारी