40 प्रतिशत महंगा हो सकता है बसों का यात्री किराया

सवा माह से बंद है बसों का संचालन

Update: 2020-07-11 01:12 GMT

ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर से अन्य स्थानों के लिए चलने वाली बसों का संचालन पिछले सवा माह से बंद है। कोरोना वायरस के कारण बसों में कम सवारी बैठाने एवं डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि के कारण भविष्य में यात्री बसों का किराया 40 प्रतिशत तक महंगा हो सकता है। मान लीजिए कि जिस स्थान का किराया 100 रुपए लगता था, वह अब 140 रुपए लगेगा। ग्वालियर से अन्य स्थानों के लिए प्रतिदिन 400 से 500 बसों का संचालन होता है।

उल्लेखनीय है कि मार्च माह में लगे लॉकडाउन के कारण बसों का संचालन बंद हो गया था। इसके बाद केन्द्र सरकार की गाइड-लाइन के अनुसार लॉकडाउन पांच में ढील मिलने के कारण दो जून से 50 प्रतिशत यात्री क्षमता के आधार पर शहर के बाहर बसों का संचालन करना था, लेकिन बस ऑपरेटरों ने बसों का संचालन नहीं किया। बस ऑपरेटरों की शासन से मांग है कि लॉकडाउन के कारण ढाई माह तक जो बसें खड़ी रहीं थीं उनका कर (टैक्स) माफ किया जाए। लेकिन सरकार ने अभी तक बस ऑपरेटरों की बात को नहीं माना है, जिसके चलते बस ऑपरेटरों ने बसों का संचालन बंद कर दिया है। बस नहीं चलने से लोगों को अपने निजी वाहन से यात्रा करनी पड़ रही है। जिनके पास वाहन नहीं हैं, उन्हें वाहन किराए पर लेना पड़ रहे हैं। बसें नहीं चलने के कारण स्थिति यह हो गई है कि बसों की किश्त तक जमा नहीं हो पा रही है।

जब तक मांग नहीं मानेंगे तब तक नहीं चलेंगी बसें

बस सर्विस यूनियन के उपाध्यक्ष हेम सिंह यादव का कहना है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान हमारा कर माफ नहीं किया जाता है तब तक हम बसों का संचालन नहीं करेंगे। बस ऑपरेटरों का कहना है कि बसों का संचालन पहले की तरह नहीं हो सकता है। कोरोना संक्रमण के कारण नियमों का पालन करके ही बसों का चलाया जाएगा। ऐसे में बसों का किराया बढऩा स्वाभाविक है, इसके बिना बस चल ही नहीं सकती।

इनका कहना है

'कुछ बस ऑपरेटरों ने बस चलाई भी थी, लेकिन लोग बसों की यात्रा करने से बच रहे हैं। इसलिए भी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। रही बात कर माफ करने की तो यह शासन स्तर का मामला है। इस संबध में सरकार को ही निर्णय लेना है।

-एस.पी.एस. चौहान, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी

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