ग्वालियर अंचल में बस ऑपरेटरों ने वापस किए परमिट, नहीं चलाएंगे बस

पांच हजार बसों का संचालन बंद

Update: 2020-06-04 11:38 GMT

ग्वालियर, न.सं.। बस ऑपरेटरों ने बसों का कर राज्य सरकार द्वारा माफ नहीं करने पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पहुँचकर अपनी-अपनी बसों के परमिट वापस कर दिए हैं, जिससे ग्वालियर अंचल में पांच हजार बसों का संचालन बंद हो गया है। परमिटों की संख्या 100 से 150 है। वहीं मध्यप्रदेश की बात करें तो 35 हजार बसों के पहिए चलने से पहले ही रुक गए हैं।

केन्द्र सरकार की गाइड-लाइन के अनुसार लॉकडाउन पांच में ढील मिलने के कारण दो जून से 50 प्रतिशत क्षमता के आधार पर शहर के बाहर बसों का संचालन करना था। बस ऑपरेटरों की शासन और परिवहन विभाग से मांग है कि लॉकडाउन के कारण ढाई माह तक जो बसें खड़ी रहीं थीं उनका कर (टैक्स) माफ किया जाए। इसके साथ ही बसों का यात्री किराया जो एक रुपए किलोमीटर तय किया गया था, उसे 2 रुपए किलोमीटर किया जाए, तभी हम गाइड-लाइन के अनुसार कम सवारियों का ला और ले जा सकेंगे। इतने नियमों और कम पैसों में बसों का संचालन संभव नहीं है। वहीं बसों के नहीं चलने से आस-पास के क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

टैम्पो चालक ले जा रहे हैं अधिक सवारी

पहले दिन तो ऑटो व टैम्पो चालकों ने नियम के अनुसार सवारियों को बैठाया और उनको उनके गंतव्य तक छोड़ा। लेकिन लॉकडाउन छूट के दूसरे दिन से ही इनने अधिक सवारियों को बैठाने का काम शुरू कर दिया है।

'बस ऑपरेटरों की मांग का निर्णय सरकार को करना है। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को लाने व ले लाने के लिए कई बसों का संचालन हुआ है और सरकार ने उन्हें पैसा भी दिया है, हां कुछ बसें जरूर खड़ी रही थीं।

-वी मधु कुमार

परिवहन आयुक्त

'जब बसें खड़ी रहीं तो सरकार को ढाई माह का कर माफ करना चाहिए। साथ ही बस किराया भी बढ़ाना चाहिए, तभी कम संख्या में सवारियों को बैठाकर ले जाया जा सकता है। इतने कम किराए में तो डीजल के पैसे भी नहीं निकलेंगे।

हेम सिंह यादव

उपाध्यक्ष, बस सर्विस यूनियन

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