निरीक्षण के बाद भी नहीं सुधर रहीं व्यवस्थाएं, झोलाछाप पर सीएमचओ की कृपा

Update: 2020-07-30 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। जिले में कोरोना का प्रकोप कम करने व स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनोने के लिए शासन प्रशासन स्तर पर हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन जिले के जिम्मेदार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अनदेखी के कारण न तो कोरोना कम हो रहा है और न ही स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो रही हैं। अस्पताल में मरीज उपचार से लेकर दवओं तक के लिए परेशान हो रहा हैं। इसके अलावा कोविड सेन्टरों में भर्ती मरीजों तक को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं हो पा रहीं हैं, जिस कारण कई संक्रमित तो निजी अस्पतालों में उपचार कराने को मजबूर हैं।

सीएमचओ द्वारा आए दिन किए जा रहे औचक निरीक्षण भी सिर्फ खानापूर्ति साबित हो रहे हैं। क्योंकि निरीक्षण के दौरान लापरवाही चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी को दिखावे के लिए नोटिस तो जारी किए जाते हैं। लेकिन फिर बिना कार्रवाई किए मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इधर जिले में झोलाछाप चिकित्सकों की बात करें तो इन पर भी सीएमएचओ अपनी असीम कृपा बनाए हुए हैं। जिले में दो हजार से अधिक झोलाछाप चिकित्सक गली-मोहल्लों में खुलेआम बिना पंजीयन कराए अपनी क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। जबकि इन पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सीएमएचओ की ही होती है। इतना ही नहीं पिछले कुछ दिनों में तीन झोलाछाप चिकित्सक भी कोरोना संक्रमित सामने आए थे, जो अपनी फर्जी क्लीनिकों पर मरीजों को भी देखते हैं। उसके बाद भी सीएमचओ इस ओर कोई ध्यान न देकर सिर्फ दिखावे के लिए निरीक्षण करने में लगे हुए हैं।

इन्हें फिर किए नोटिस जारी

इधर सीएमएचओ डॉ. व्ही.के. गुप्ता फिर से बुधवार को संजीवनी क्लीनिक हस्सू हददू खा आदर्श मील रोड और लक्ष्मीगंज प्रसूति गृह का निरीक्षण करने पहुंचे। संजीवनी क्लीनिक पर स्टॉफ नर्स पूवन रायकवार देरी से आई। जबकि प्रसूति गृह में डॉ. ममता शुक्ला व कर्मचारी रोशन लाल अनुपस्थित मिले। इसके अलावा अस्पताल में मरीजों के उपचार में लापरवाही बरतने और अव्यवस्थाएं मिलने पर प्रभारी चिकित्सक को नोटिस जारी किया गया। लेकिन यह नोटिस सिर्फ दिखावे के लिए ही जारी किए जाते हैं। क्योंकि पूर्व में किए गए निरीक्षणों में अनुपस्थित मिले चिकित्सक व स्टॉफ पर आज दिन तक कोई कार्रवाई ही नहीं की गई।


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