ग्वालियर। न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में तेजी से हुई तरक्की की बदौलत न्यूनतम शल्यक्रिया वाली सर्जरी ने जटिल स्पाइनल बीमारियों के इलाज का तौर तरीका भी पूरी तरह से बदल दिया है। यह बात मैक्स हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ विक्रम सिंह भदौरिया ने पत्रकारों से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि आज के मशीनरी युग में लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से बदल जाने के कारण स्पाइनल के रोगियों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि इस बारे में जानकारी बढ़ाने और अत्याधुनिक तथा एडवांस उपचार पद्धतियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए देश के अग्रणी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता संस्थान मैक्स हॉस्पिटल में आज एक केंद्रित जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया।
इस सत्र में प्रो लेप्स ऑफ इंटर वर्टिकल डिस्क के कारण गंभीर पीठ दर्द से पीडि़त ग्वालियर के 56 वर्षीय मरीज मुकेश यादव के बारे में बताया कि वह गंभीर रोग से पीडि़त थे। उनके कमर के निचले हिस्से में पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया था लेकिन इस आधुनिक सर्जरी के द्वारा मुकेश का सफल ऑपरेशन किया गया और आज वह पूरी तरह से स्वस्थ है और अपना कार्य पूरी तरह से बिना किसी परेशानी के कर रहे हैं। डॉक्टर भदौरिया ने बताया कि न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में तकनीकी तरक्की के कारण स्पाइनल सर्जरी के बाद जीवन की गुणवत्ता बहुत अच्छी हो जाती है। उन्होंने बताया कि कई मरीजों को ओपन और परंपरागत सर्जरी की परेशानियों से डर लगता है लेकिन हाल ही की प्रगति के कारण स्पाइनल सर्जरी अब न्यूनतम सक्रिया वाली और कम से कम रक्त स्राव तथा शीघ्र रिकवरी वाली 100 प्रतिशत सुरक्षित पद्धति हो गई है।