ग्वालियर-मुरैना में प्रत्याशी खोजने में कांग्रेस हाईकमान का छूट रहा पसीना, जानिए क्यों अटका मामला ?
ग्वालियर-मुरैना लोकसभा सीटें भाजपा का गढ़ मानी जाती है। लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है इस बार यहां जीत मिल सकती है। यहीं कारण है की पार्टी इन सीटों पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।
ग्वालियर। मप्र समेत देश भर में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने करीब एक माह पहले ही प्रदेश सभी 29 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए है, जो अपने प्रचार अभियान को गति देने में जुट गए है। वहीँ इसके उलट कांग्रेस को प्रत्याशियों का ऐलान करने में पसीने छूट रहे है। कांग्रेस ने अब तक 3 सूची में 25 सीटों उम्मीदवार घोषित कर दिए है। हालांकि अभी भी 3 सीटों ग्वालियर, मुरैना और खंडवा में कांग्रेस के नामों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।
ग्वालियर-मुरैना लोकसभा सीटें भाजपा का गढ़ मानी जाती है। लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है इस बार यहां जीत मिल सकती है। यहीं कारण है की पार्टी इन सीटों पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसलिए पार्टी किसी स्थानीय दमदार चेहरे पर भरोसा जताना चाहती है। इसके साथ ही जातिगत समीकरण भी पार्टी के सामने बड़ा संकट है। यहीं एक फैक्टर है जिसके कारण ग्वालियर और मुरैना दोनों सीटों पर उम्मीदवार का ऐलान अटका हुआ है। पार्टी का एक खेमा मुरैना से जौरा विधायक पंकज उपाध्याय को उतारने के पक्ष में हैं। वहीँ दूसरा खेमा पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार (नीटू ) को टिकट देने के पक्ष में है।
मुरैना से नीटू सिकरवार का नाम सबसे आगे -
सत्यपाल सिंह सिकरवार का को टिकट दिलाने वाले खेमे का कहना है की मुरैना सीट क्षत्रिय बाहुल्य सीट है। यहां एक ठाकुर जाति के नेता को टिकट देने से पार्टी की जीत के आसार है। उनके परिवार का ग्वालियर-मुरैना में अच्छा प्रभाव है।उनके चाचा वृंदावन सिंह सिकरवार 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार थे और 2,42,586 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीँ उनके भाई वर्तमान में ग्वालियर पूर्व से विधायक है, भाभी ग्वालियर की महापौर है। राजनीतिक प्रभाव रखने वाले परिवार से आने वाले सत्यपाल सिंह सिकरवार पार्टी को जीत दिलाने में सफल हो सकते है।
ग्वालियर से कई दावेदार
वहीँ ग्वालियर सीट की बात करें तो यहां मामला मुरैना के कारण अटका हुआ है , पार्टी दोनों में से एक सीट पर ठाकुर और दूसरी पर ब्राह्मण को टिकट देकर जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश में जुटी हुई है। यहां से पूर्व विधायक प्रवीण पाठक, पूर्व सांसद रामसेवक गुर्जर और नीटू सिकरवार का नाम दावेदारों की लिस्ट में शामिल है। यदि नीटू सिकरवार को मुरैना से टिकट मिलता है तो यहां से प्रवीण पाठक को टिकट दिया जा सकता है। इसके आलावा ग्वालियर में ओबीसी समुदाय को ध्यान में रखते हुए र पूर्व सांसद रामसेवक सिंह गुर्जर, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव और मितेन्द्र दर्शन सिंह को भी टिकट देने पर मंथन किया जा रहा है।
ऐसी उम्मीद है की कांग्रेस एक-दो दिन में इन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर सकती है। इससे पहले बुधवार रात कांग्रेस ने तीन उम्मीदवारों के नामों का एलान किया गया था।