न्यू लाइफ अस्पताल में कोरोना संक्रमित की हुई मौत

पात्रता नहीं होने के बाद भी दो दिन रखा भर्ती

Update: 2020-09-23 01:00 GMT


ग्वालियर, न.सं.। जिले में कोरोना संक्रमितों के मामले बढऩे के साथ ही संक्रमितों के स्वास्थ्य के साथ निजी अस्पताल संचालक जमकर लापरवाही करने में लगे हुए हैं। इसी के चलते अनुमति न होने के बाद भी कोरोना संक्रमित को न्यू लाइफ अस्पताल में भर्ती रखा गया, जहां संक्रमित की मौत हो गई। हनुमान चौराहा निवासी 88 वर्षीय कैलाश नारायण खण्डेलवाल को निजी लैब की जांच रिपोर्ट में चार दिन पूर्व कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि हुई थी। लेकिन परिजनों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जगह घर में ही क्वारेन्टान रखा। क्वारेंटाइन के दौरान अगले दिन 19 को श्री खण्डेलवाल का स्वास्थ्य बिगड़ा तो वह शिंदे की छावनी स्थित न्यू लाइफ अस्पताल लेकर पहुंचे और भर्ती करा दिया। जबकि न्यू लाइन अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती ही नहीं किया जा सकता।

इतना ही नहीं दो दिन गलत तरीके से भर्ती रखने के बाद मंगलवार की सुबह श्री खण्डेलवाल की मौत हो गई। मृतक के परिजनों का कहना है कि अस्पताल के चिकित्सक को उन्होंने भर्ती करने से पहले ही कोरोना संक्रमण होने की बात बता दी थी। उसके बाद भी उन्होंने भर्ती रखा। यह पहला मौका नहीं है जब न्यू लाइन में किसी संक्रमित की मौत हुई हो। इससे पहले भी 69 वर्षीय संक्रमित राधेश्याम शर्मा को भी दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रखा गया और संक्रमित की हालत खराब होने पर उसे सुपर स्पेशलिटी के लिए रैफर कर दिया गया। जहां पहुंचने के पहले ही संक्रमित की मौत हो गई थी। उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग उक्त अस्पताल पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। इतना ही नहीं शहर में कई ऐसे निजी अस्पताल है, जहां संक्रमित मरीजों को नियम विरुद्ध तरीके से भर्ती रखा जा रहा है।

इनका कहना है

न्यू लाइन अस्पताल को पूर्व निर्देश दिए गए थे, अगर संक्रमितों को भर्ती किया जा रहा है तो अनुमति ली जाए। लेकिन बिना अनुमति के संक्रमितों को भर्ती कैसे कर रहे हैं। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. वी.के. गुप्ता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

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