ग्वालियर, न.सं.। जिले में बढ़ते कोरोना के प्रकोप के बीच जहां सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पलंग भरते जा रहे हैं। वहीं आईसीयू में भी गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में वर्तमान में 30 पलंग का आईसीयू हैं, जिसमें आठ मरीजों को भर्ती किया गया है। इसमें दो मरीज ऐसे हैं, जिनकी हालत ज्यादा खराब है और उन्हें वेंटीलेटर लगाया गया है। कोरोना संक्रमण शरीर की श्वसन प्रणाली पर हमला करता है। ऐसे में उन मरीजों को ज्यादा खतरा होता है जो या तो पूर्व से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसिम हैं या फिर उनकी उम्र अधिक है। ऐसे मरीजों में वायरस फेफड़ों के इतनी अंदर बैठा होता है कि मरीज के लिए सांस लेना ही मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जल्द से जल्द वेंटीलेटर लगाने की जरूरत पड़ती है। इसी के चलते सुपर स्पेशलिटी में दो मरीज ऐसे भर्ती हैं, जिन्हें श्वास लेने में परेशानी हो रही थी और उनकी गंभीर हालत देखते हुए उन्हें वेन्टीलेटर लगाया गया। इसके अलावा छह मरीजों को भी आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जिनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। चिकित्सकों का कहना है कि आईसीयू में सिर्फ उन्हीं संक्रमित मरीजों को रखा जा रहा है, जिनकी स्वास्थ्य गंभीर है। क्योंकि गंभीर मरीजों को कभी भी वेंटीलेटर की जरूरत पड़ सकती है।
कैसे काम करते हैं वेंटीलेटर
फेफड़े जब काम करना बंद कर दें तब शरीर को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और ना ही शरीर के अंदर मौजूद कार्बन डायऑक्साइड बाहर निकल पाती है। साथ ही फेफड़ों में तरल भर जाता है। ऐसे में कुछ ही देर में दिल भी काम करना बंद कर देता है और मरीज की मिनटों में ही मौत हो जाती है। वेंटीलेटर के जरिए शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। यह ऑक्सीजन फेफड़ों में वहां पहुंचती है जहां बीमारी के कारण तरल भर चुका होता है।